उत्तर प्रदेश

बिना बिल के खरीदी और बेची जा रही थीं दवाएं, खरीद-बिक्री पर लगी रोक

आगरा में सेना आपूर्ति की दवाओं की कालाबाजारी मुद्दे में औषधि विभाग ने थोक की तीन मेडिकल स्टोरों पर छापा मारा. इसमें तीन जिलों के औषधि निरीक्षक शामिल रहे. यहां बिना बिल के दवाओं की खरीद-बिक्री की जा रही थी. बिल नहीं दिखाने पर दो दुकानों पर दवाओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है. जांच के लिए नौ दवाओं के नमूने लिए हैं. नोटिस देकर बीते तीन महीने के बिल तलब किए हैं.

सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने कहा कि सेना आपूर्ति की दवाओं की कालाबाजारी का गिरोह पकड़ में आने के बाद जांच चल रही है. इस मुद्दे में पकड़े गए दवा माफिया से पूछताछ में इन तीन मेडिकल स्टोरों से दवाएं खरीदने की जानकारी दी थी. इस पर मैनपुरी के दीपक कुमार, फिरोजाबाद के देशबंधु विमल और आगरा के कपिल शर्मा ने कम्मू टोला स्थित नूर फार्मा, बधाई महल स्थित साहनी ड्रग हाउस और संत सिंह सूरी बाजार स्थित विधाता मेडिकल एजेंसी पर छापा मारा. इनके यहां दवाओं की खरीद-बिक्री के रजिस्टर और कंप्यूटर खंगाले. 9 दवाओं के बिल नहीं मिले. कुछ दवाओं अधूरे बिल दिखाए, जिसमें फर्म समेत अन्य संदिग्ध मिले. इनके संचालकों को नोटिस देकर बीते तीन महीने के दवाओं की खरीद-बिक्री के बिल तलब किए हैं. जांच में नमूने फेल होने पर केस भी दर्ज कराया जाएगा.

ये मिली स्थिति :

 

विधाता मेडिकल एजेंसी : राजेश अग्रवाल के नाम से दर्ज़ हैं. ये स्टोर पर नहीं मिले. इनका बेटा अतीक अग्रवाल बिक्री कर रहा था. ये एसिडिटी, बुखार, उल्टी और दर्द निवारक 4 दवाओं के बिल नहीं दिखा पाए. इस प्रतिष्ठान पर दवाओं की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी है. जांच के लिए चार दवाओं के नमूने लिए हैं.

साहनी ड्रग हाउस : ये बृजबाला साहनी के नाम से लाइसेंस है. ये मौके पर नहीं मिलीं. इनका बेटा आनंद कुमार मिला. इनकी दुकान पर एसिडिटी की दवा की बिक्री और खरीद के बिल नहीं मिले. इसका नमूना ले लिया है. संचालिका मौके पर नहीं मिलने के चलते दवाओं की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी है.

नूर फार्मा : इसका संचालक मोहम्मद रेहान मिला. इसके रिकॉर्ड खंगालने पर ये मधुमेह, एंटी डिप्रेशन, ब्लडप्रेशर और एसिडिटी की दवाओं के बिल नहीं मिले. टीम ने इन दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए लैब भेजे हैं.

सैन्य आपूर्ति की दवाओं को बैच नंबर बदलकर कालाबाजारी की जा रही थी. इसमें दवा माफिया एक्सपायर्ड दवाओं को री-पैक करके भी बेच रहे थे. एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स और हरीपर्वत पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर आगरा निवासी मुखिया फरहान समेत 7 लोगों को अरैस्ट किया था. पूछताछ में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश तक गिरोह एक्टिव था.

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