हाईकोर्ट के आदेश के बाद आवास विभाग ने जारी किया शासनादेश
हाईकोर्ट इलाहाबाद ने बृज मोहन तवंर बनाम राज्य गवर्नमेंट में यह निर्णय 13 मार्च को दिया है. उच्च न्यायालय ने बोला है कि मौके पर स्वीकृत मानचित्र से अधिक निर्माण न हो. यह भी आदेश दिया है कि भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में निर्धारित मानकों के अतिरिक्त निर्माण नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही शमन के प्रकरणों में भी भवन निर्माण और विकास उपिविधि के भीतर निर्धारित मानकों को शिथिल नहीं किया जाना चाहिए. जो निर्माण भवन निर्माण और विकास उपविधि के अनुमन्य नहीं है उन्हें शमन के द्वारा अनुमन्य नहीं किया जाना चाहिए.
अपर मुख्य सचिव आवास ने जारी शासनादेश में बोला है कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा. स्वीकृत मानचित्रों के अनुरूप ही स्थल पर निर्माण कार्य सुनिश्चित कराया जाए. स्वीकृत मानचित्र के इतर निर्माण होने की स्थिति में ऐसे निर्माणों के खिलाफ भवन निर्माण एवं विकास उपिविधि, तय नियमों, शासनादेशों और नियमावली का कड़ाई से पालन कराया जाएगा.
आवास विभाग द्वारा जारी भवन विकास उपविधि के आधार पर विकास प्राधिकरणों द्वारा नक्शा पास किया जाता है. इसके बाद भी भवन स्वामियों द्वारा पास किए गए नक्शे के इतर निर्माण कर लिया जाता है. शासन ऐसे निर्माण को शुल्क लेकर समय-समय पर समन यानी कंपाउंडिंग के लिए नीति लेकर आता है. इसके आधार पर गैरकानूनी निर्माणों को वैध कर दिया जाता है. उच्च न्यायालय ने इस पर कड़ी विरोध जताई है. इसके आधार पर रोक लगा दी गई है.