100 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है रायबरेली का यह शिव मंदिर
रायबरेली शहर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाबा बरखंडी नाथ महादेव मंदिर अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं। यह मंदिर लगभग 100 साल पुराना है | इसके नाम के पीछे का भी अलग इतिहास है। मान्यता है कि शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है और सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
मंदिर के सेवादार राजेश गिरी ने कहा कि हमारे पूर्वज बताते थे कि यहां पर पहले एक घना जंगल हुआ करता था। लोग दिन में भी इधर आने से घबराते थे। एक दिन शिवगढ़ रियासत के राजा राजा बरखंडेश्वर् सिंह इस जंगल में शिकार खेलने के लिए आए हुए थे। तभी उनकी नजर जंगल में एक टीले पर पड़ी जो बीच से फटा हुआ था। वह अपने सैनिकों के साथ इसके पास आ गए तो देखा कि यह टीला काफी बड़ा है तो उन्होंने अपने सैनिकों को आदेश देकर उस टीले की खुदाई करना प्रारम्भ करवाया।
मंदिर में हर मुराद होती है पूरी
खुदाई का कार्य चल ही रहा था कि तभी उन्हें शिवलिंग दिखाई दिया। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि सैनिक जैसे-जैसे खुदाई करते शिवलिंग ऊपर आने के बजाय नीचे की ओर धंसने लगा। यह बात जब सैनिकों ने राजा को बताई तो वह अपने राजपुरोहितों के साथ यहां पर पहुंचे। पुरोहितों ने यहां पर पूजा-अर्चना की और मंदिर का निर्माण कराया। तभी से इसका नाम बरखंडी नाथ महादेव पड़ गया। मंदिर में सच्ची श्रद्धा से पूजा करने पर लोगों की मन्नतें पूरी होती है।
सोमवार को भक्तों का लगता है तांता
मंदिर की सेवादार राजेश गिरी बताते हैं कि यहां पर प्रत्येक सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए आते हैं। ईश्वर शिव उनकी इच्छा जरूर पूरी करते हैं। यहां पर रायबरेली समेत लखनऊ तक के श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहां 7 या 11 सोमवार दर्शन करने से लोगों की इच्छा अवश्य पूर्ण होती है।मंदिर में ईश्वर शिव के दर्शन करने आए गणेशगंज गांव के श्रद्धालु रामशिरोमणि ने कहा कि यह मंदिर लोगों की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां पर प्रत्येक सोमवार को भक्तों कीभारी भीड़ होती है।