सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट का निर्माण
नोएडा: वर्ष 2024 नोएडा और ग्रेटर नोएडा के उन सभी लोगों के लिए बहुत अच्छा रहेगा जिन्होंने भिन्न-भिन्न बिल्डर सोसाइटियों में अपने लिए घर का सपना देखा था। दरअसल, उत्तर प्रदेश कैबिनेट द्वारा फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री का रास्ता खोल दिया गया है। वहीं आम्रपाली बिल्डर के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने की योजना भी साल 2024 में पूरी हो जाएगी। न्यायालय रिसीवर ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा की परियोजनाओं का रिवाइज्ड कंप्लीशन शेड्यूल जारी किया है। जिसके अनुसार आनें वाले नवंबर माह तक आम्रपाली बिल्डर के करीब 25,000 अधूरे पड़े फ्लैट्स को बनाकर पूरा किया जाएगा।
आपको बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली बिल्डर के करीब 46,000 फ्लैट्स हैं। इनमें से 21,000 फ्लैट तैयार हो चुके हैं और करीब 25,000 फ्लैट अभी भी आधे अधूरे पड़े हुए हैं। इसको लेकर नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (NBBC) की ओर से तैयार रिवाइज कंप्लीशन शेड्यूल न्यायालय रिसीवर ने जारी किया है। जिसके अनुसार आम्रपाली की 22 परियोजनाओं के निर्माण कार्य को नवंबर 2024 तक पूरा कर दिया जाएगा।
सुप्रीम न्यायालय की नज़र में हो रहा है आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट का निर्माण
लंबे समय से अपने घर के लिए संघर्ष कर रहे दिवाकर कुमार ने कहा कि साल 2019 में उच्चतम न्यायालय द्वारा आम्रपाली बिल्डर के सभी प्रोजेक्ट को अपनी नज़र में ले लिया गया था और अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एनबीसीसी को नियुक्त किया गया था। साल 2020 से सभी प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया था। लेकिन अभी भी हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें अपना घर नहीं मिल पाया है। अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स के निर्माण कार्य को लेकर अनेक आ रही थी। जिसे एनबीसीसी और प्राधिकरण द्वारा मिलकर सुलझा लिया गया है। आशा है कि साल 2024 के आखिर तक करीब 25,000 लोगों को उनके फ्लैट से मिल जाएंगे।
2010 से घर के लिए संघर्ष कर रहे हैं लोग
दिवाकर कुमार बताते हैं कि उन्होंने आम्रपाली के प्रोजेक्ट में साल 2010 में घर बुक कराया था और आज तक उन्हें घर नहीं मिला है। जब अगले वर्ष उन्हें घर मिल जाएगा तो ऐसे लगेगा कि उनका वनवास पूरा हो गया। वहीं एक अन्य होम बायर मनीष कुमार बताते हैं कि जब से उन्होंने बिल्डर कंपनी में घर बुक कराया है वह ईएमआईऔर रेंट की दोहरी मार झेल रहें हैं और सड़कों पर संघर्ष करते ही नजर आते थे। अब आशा है कि अगले वर्ष उन्हें उनके घर मिल जाएगा और उनका संघर्ष भी रंग लाएगा।