प्राण प्रतिष्ठा के पहले राम की नगरी में लगाए जाएंगे 40 सूर्य स्तंभ
प्रभु राम के आगमन को लेकर अयोध्या को सजाया और संवारा जा रहा है। ईश्वर राम नगरी अब सूर्य स्तंभ और श्री राम स्तंभ से जानी और पहचानी जाएगी। प्राचीन संस्कृति को समेटे ईश्वर राम की नगरी त्रेता की नगरी का मूर्त रूप प्रदर्शित करती दिखाई दे रही है। यही वजह है कि जब श्रद्धालु धर्मनगरी अयोध्या में प्रवेश करेंगे तो उन्हें रामपथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ के साथ धर्म पथ पर त्रेता युग की अयोध्या का दृश्य नजर आएगा।
भगवान राम की नगरी में 40 सूर्य स्तंभ तो 25 श्री राम स्तंभ लगाए जाएंगे। जो रामनगरी की शोभा भी बढ़ाएंगे और रामनगरी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनेगें। इतना ही नहीं त्रेता युग में जिस तरह प्रभु राम की नगरी अयोध्या रही होगी। कुछ इसी तरह प्रदेश की योगी गवर्नमेंट इस कलयुग में त्रेता युग को जीवंत करने का कोशिश भी कर रही है। सूर्य स्तंभ पर ईश्वर सूर्य का प्रतीक चिन्ह के साथ-साथ हनुमान जी का गदा और जय श्री राम का नाम अंकित होगा।
श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा सूर्य स्तंभ
अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल ने कहा कि अयोध्या में आकर्षण को बढ़ाने के लिए विशेष स्तंभ लगाए जा रहे हैं। प्राचीन और धार्मिक मान्यता वाली वस्तुओं को पूरे अयोध्या में डिस्प्ले लगाया जाएगा। पूरे शहर में 25 श्री राम स्तंभ और 40 सूर्य स्तंभ धर्म पथ पर लगाए जा रहे हैं। सूर्य स्तंभ और श्री राम स्तंभ से ईश्वर राम की नगरी खूबसूरत नजर आएगी और अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वह आकर्षण का केंद्र होगी। कमिश्नर ने बोला कि ईश्वर राम की नगरी को उनकी गरिमा के अनुरूप सुसज्जित किया जा रहा है।
अयोध्या में सूर्य स्तंभ का विशेष महत्व
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि संपूर्ण शहर में 25 श्री राम स्तंभ और 40 सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं। ईश्वर श्री राम सूर्यवंशी थे इसलिए अयोध्या में सूर्य स्तंभ का विशेष महत्व है। सूर्य की महिमा को प्रदर्शित करते हुए श्रद्धालुओं के मन में श्रद्धा रेट उत्पन्न करने के लिए जगह-जगह पर सूर्य स्तंभ और श्री राम स्तंभ लगाए जा रहे हैं। अयोध्या में पौराणिक चीजो से सजाने और संवारने का काम हो रहा है। जिससे श्रद्धा का रेट अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के मन में बना रहे ।