झाड़ू ने बदल दी महिला की तकदीर, 30 हजार का कर्जा लेकर शुरू किया काम
मेरठः बदलते दौर में महिलाएं भी अब आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से बढ़ रही हैं। पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जहां घर की आर्थिक स्थिति को सुधार कर एक नयी मिसाल पेश कर रही हैं। वहीं अन्य स्त्रियों के लिए भी प्रेरणा बनी हुई है। कुछ इसी तरह का नजारा मेरठ के राली चौहान गांव में भी देखने को मिल रहा है। जहां सोनिका द्वारा मात्र 6 दिन की झाड़ू बनाने की ट्रेनिंग लेने के बाद इसका बिजनेस प्रारम्भ किया और अपनी तकदीर बदल दी।
सोनिका बताती हैं कि घर में पति की कमाई के माध्यम से घर का खर्च चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि घर का खर्चा चलाने के साथ बच्चों को पढ़ाना एक चुनौती होती थी। ऐसे में परिवार की सहमति के आधार पर उन्होंने कारावास चुंगी स्थित केनरा आरसेटी से 6 दिन का झाड़ू बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। उसके बाद 30 हजार रुपए उधार लेकर उन्होंने झाड़ू बनाने के बिजनेस की आरंभ की। जिसके माध्यम से आज जहां वह स्वयं सालाना लाखों रुपए कमा रही हैं। वहीं उनके पास आठ ऐसी महिलाएं हैं। जो रोजाना झाड़ू बनाने में उनकी सहायता करती हैं।
मेहनत की बदौलत मिलता है अच्छा परिणाम
सोनिका बताती हैं कि झाड़ू बनाने में मेहनत तो है। यदि आपको मार्केटिंग करने का अच्छा तरीका आता होगा। तो बाजार में झाड़ू को लेकर काफी डिमांड रहती है। दीपावली के आसपास तो डिमांड इतनी आती है कि जिसे पूरा करना भी संभव नहीं हो पाता है। सोनिका बताती हैं कि उनके पति सोनू कुमार उनका भरपूर योगदान करते हैं। उन्होंने मार्केटिंग के लिए भी एक युवा को नौकरी पर रखा है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बनाई गई झाड़ू जहां मेरठ में सप्लाई होती है। वहीं बागपत, गाजियाबाद सहित अन्य जनपदों से भी डिमांड मिल रही है।
विभिन्न जनपदों में स्त्रियों को भी देती है ट्रेनिंग
सोनिका ने कहा कि स्त्रियों को ट्रेनिंग देने के लिए भेजा जाता है। वह बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, हापुड़ सहित अन्य जनपदों में स्त्रियों को ट्रेनिंग देने के लिए जाती हैं। साथ ही सोनिका बताती हैं कि लखनऊ से भी उनके पास कॉल आई है। जिससे कि वह स्त्रियों को सशक्त कर सकें। उन्होंने कहा को झाड़ू बनाने के बिजनेस के बारे में वह 60 से अधिक स्त्रियों को भी ट्रेनिंग दे चुकी हैं। जो इस कारोबार में आगे बढ़ रही हैं।
मिल रही है काफी मदद
सोनिका के पति सोनू कुमार बताते हैं कि वह पेंटर हैं। कई कई महीनों तक काम नहीं मिल पाता था। इससे घर में आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता था। ऐसे में जब से उनकी पत्नी ने इस कारोबार की आरंभ की है। उस घर में आर्थिक संकट दूर हो गया है। शुरुआती दौर में तो काफी लोग कई तरह के कमेंट करते थे। आज वही लोग उनकी पत्नी की प्रशंसा करते हुए नजर आते हैं। गौरतलब है कि रोजाना एक स्त्री डेढ़ सौ से 200 झाड़ू तैयार कर लेती है।