उत्तर प्रदेश

बसपा इस बार प्रत्याशी का नाम तब ऐलान करेगा जब सभी दल के प्रत्याशी आयेंगे सामने

Lok Sabha Election 2024: इस बार लोकसभा चुनाव में बीएसपी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है. उसकी रणनीति है कि इस बार प्रत्याशी के नाम का घोषणा तब होगा जब सभी दल के प्रत्याशी सामने आ जाएंगे. इसके पीछे बीएसपी नेतृत्व का मकसद यह है कि प्रतिद्वंदी का चेहरा देखकर समीकरण के हिसाब से प्रत्याशी उतारा जाए ताकि जीत पक्की रहे.

बसपा में प्रत्याशी चयन का तरीका औरों से अलग है. बीएसपी मुखिया सुश्री मायावती ही प्रत्याशी के नाम पर आखिरी मुहर लगाती हैं और राष्ट्रीय, प्रदेश या जिला स्तर के पदाधिकारियों को भी मायावती की आखिरी मुहर के बाद ही प्रत्याशी के बारे में जानकारी हासिल होती है. प्रत्याशियों की घोषणा भी राज्यस्तर पर न होकर मंडल कोआर्डिनेटर जिलों में प्रत्याशियों का नाम घोषित करता है. पहले चुनाव का घोषणा होने से पहले ही बीएसपी प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव प्रभारी बनाकर यह संकेत देती रही है कि यही शख्स अगला प्रत्याशी होगा मगर इस बार बीएसपी ने अपनी रणनीति में परिवर्तन किया है. अभी तक प्रत्याशी के नाम का घोषणा इसलिए भी नहीं हो पा रहा है क्योंकि गोरखपुर मंडल में आखिरी चरण में चुनाव होना है जबकि बस्ती मंडल में उससे पहले लेकिन दोनों ही मंडलों में बीएसपी ने अभी तक अपने उम्मीदवार तय नहीं किए हैं.

उम्मीदवारों के चयन में देरी के पीछे के कारणों के बारे में सूत्र बदली रणनीति बता रहे हैं. अभी बीजेपी के प्रत्याशियों का ही चेहरा सामने आया है. सपा ने भी एकाध सीट पर ही प्रत्याशी घोषित किए हैं. कांग्रेस पार्टी अभी किसी भी सीट पर प्रत्याशी तय नहीं कर पाई. बीएसपी चाहती है कि पहले सभी दल प्रत्याशी घोषित कर दें तो वह प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों के चेहरे यानी जाति के आधार पर अपना उम्मीदवार तय करे

दरअसल बसपा का अपना काडर है. दलित समाज में पार्टी की पकड़ होने के साथ ही अन्य समाज से उम्मीदवार की घोषणा कर अब तक पार्टी अपना परचम लहराते आई है. पार्टी ने 2009 में गोरखपुर-बस्ती में मंडल में काफी बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन उसके बाद एक के बाद एक कर हुए दो लोकसभा चुनाव में वह प्रदर्शन पार्टी दोहरा नहीं पाई. हालांकि दोनों चुनाव में मोदी लहर का हवाला दिया गया और कहा गया कि यही हाल अन्य पार्टियों कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी का भी रहा.

हालांकि बीएसपी को इस बार आशा है कि उसका बिखरा वोट उसके पास लौटेगा और वह बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है. पार्टी के अब तक उम्मीदवार सामने न आने और पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं की इस पर खामोशी साधने से कयास को बल मिल रहा है कि बीएसपी का प्रत्याशी सबसे अंत में घोषित होगा.

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