सुनवाई के बावजूद व्यास तहखाने में पूजा अर्चना जारी
प्रयागराज। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना प्रारम्भ किए जाने के मुद्दे में सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। जिला न्यायधीश वाराणसी के आदेश के विरुद्ध दाखिल की गई मुसलमान पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आज भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। उच्च न्यायालय में करीब एक घंटे बीस मिनट तक मुद्दे की सुनवाई हुई, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकीलों पक्ष रखा। हालांकि हिंदू पक्ष और उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट को अपनी दलीलें पेश करने का मौका नहीं मिला। मुद्दे में अब 15 फरवरी को फिर से न्यायालय सुनवाई करेगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई होने तक पूजा अर्चना के आदेश पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। सोमवार को सुनवाई के बावजूद व्यास तहखाने में पूजा अर्चना जारी रहेगी।
मुस्लिम पक्ष की ओर से इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड के वकीलों ने एक बार फिर से दलील दी कि व्यास तहखाने में कभी हिंदुओं का कब्जा नहीं रहा है। हिंदुओं का तहखाने पर कब्जे का दावा पूरी तरह से गलत है। मुसलमान पक्ष ने अयोध्या टकराव की तर्ज पर व्यास परिवार की याचिका को खारिज किए जाने की दलील दी। उन्होंने बोला कि बाबरी मुद्दे में निर्मोही अखाड़े की तरफ से एक आदमी खड़ा हुआ और उसने पूजा के अधिकार की मांग की। लेकिन न्यायालय ने उसे मंजूर नहीं किया था। सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने दलील दी की जिला न्यायधीश को यह पूछना चाहिए था कि व्यास परिवार आखिरकार किस अधिकार के अनुसार पूजा अर्चना प्रारम्भ किए जाने की मांग कर रहा है। जिला न्यायधीश ने उसकी अर्जी की पोषणीयता तय करने के बजाय सीधे तौर पर पूजा करने का आदेश दे दिया।
हाईकोर्ट अब 15 फरवरी को सुबह 10 बजे से फ्रेश मुकदमा के तौर पर मुद्दे की सुनवाई करेगी। 15 फरवरी को होने वाली सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार, हिंदू पक्ष और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट अपनी दलीलें पेश करेगा। आशा जताई जा रही है कि 15 फरवरी को मुद्दे की सुनवाई पूरी हो जाएगी। सुनवाई पूरी होने पर न्यायालय ने यदि उसी दिन निर्णय नहीं सुनाया तो जजमेंट रिजर्व हो सकता है। आज होने वाली सुनवाई में सबसे पहले उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपनी दलीलें पेश की। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने अपनी बातें रखीं। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मुद्दे की सुनवाई हुई। मुसलमान पक्ष ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर वाराणसी जिला न्यायधीश के 17 जनवरी और 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दी है।