उत्तर प्रदेश

लखनऊ के गौरव कुमार 22 साल की उम्र में ग्लैडियोलस फूलों की खेती से कमा रहे 8 लाख रुपए

लखनऊःयूपी के युवा अब जॉब पर ही निर्भर नहीं हैं, बल्कि वह अपनी किस्मत स्टार्टअप के साथ ही खेती किसानी में भी आजमा रहे हैं और सफल हो रहे हैं यही नहीं लाखों का फायदा भी कमा कर नाम भी कमा रहे हैं ऐसी ही एक कहानी है लखनऊ के मलिहाबाद के ढकवा गांव के रहने वाले गौरव कुमार की, जिनकी उम्र केवल 22 वर्ष है और 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने ग्लैडियोलस फूलों की खेती करनी प्रारम्भ की केवल चार महीने में ही ग्लैडियोलस फूलों की खेती से आठ लाख रुपए कमा लिए

गौरव से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पिता शिव कुमार धान गेहूं उगाते थे उन्हें कई बार हानि हो जाता था कभी मौसम की मार की वजह से फसल खराब हो जाती थी ऐसे में पिता को योगदान करने के लिए इन्होंने केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ज्वाइन किया, जहां से इन्हें फूलों की खेती के बारे में जानकारी मिली इन्होंने अपने पिता को यह आईडिया दिया कि गेहूं धान सभी कर रहे हैं क्यों ना कोई नयी तरह की खेती की जाए, पहले तो उनके पिता नहीं माने, लेकिन बाद में वह मान गए

4 महीने में होती है कमाई
गौरव ने कहा कि ग्लैडियोलस फूलों की खेती सितंबर से प्रारम्भ होती है उसके बाद अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी तक ये फूल खूब बिकते हैं केवल 4 महीने में ही इन फूलों के जरिए चार से आठ लाख रुपए की कमाई हो जाती है

पिता के आमों को भेजा जर्मनी
गौरव कुमार ने कहा कि जब तक उनके पिता आम बागवानी का काम देखते थे, तब तक कभी भी आम विदेश नहीं गए लेकिन उन्होंने अपने पिता को तकनीकी रूप से आईडिया दिया और आमों को विदेश भेजने के लिए केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान से भी राय ली इसके बाद वहां से कंपनियां आई और करीब 20 क्विंटल आम पिछले वर्ष इनका जर्मनी भेजा गया था इस वर्ष भी आम इनका विदेश जाने की पूरी आसार है आम के बौर पूरी तरह से आ चुके हैं उनका रखरखाव गौरव कुमार स्वयं कर रहे हैं

पुश्तैनी है खेती किसानी
गौरव कुमार ने कहा कि उन्होंने इंटर बायो से किया और अब डी फार्मा कर रहे हैं उन्होंने कहा कि  मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही खेती पर भी पूरा ध्यान रहेगा पिता के पास आम के कई बाग हैं और कई खेत हैं जिस पर लौकी, कद्दू, धनिया के साथ ही आलू और अनेक सब्जियां उगाई जाती हैं फूलों की खेती गौरव स्वयं करते हैं अब पिता के आम बागवानों की भी देखरेख वह स्वयं ही कर रहे हैं

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