उत्तर प्रदेश

आपको भी अगर फसल खराब होने की है चिंता, तो जल्द कराएं यह काम

 मेरठ जिले से संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे किसानों ने यदि अपने खेत में गेहूं, सरसों एवं आलू की फसल को बोया है और बदलते मौसम को लेकर वह चिंतित हैं ऐसे सभी किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है बल्कि वह पीएम फसल बीमा योजना के भीतर अपनी फसल का बीमा जरूरी कराएं जिससे की यदि उनकी फसल को हानि होता है तो गवर्नमेंट द्वारा ऐसे सभी किसानों को नियमों के भीतर मुआवजा मौजूद कराया जाएगा

मेरठ जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार ने खास वार्ता करते हुए कहा कि शासन द्वारा निर्धारित किए गए नियम के मुताबिक यदि कोई भी प्राकृतिक आपदा के माध्यम से किसानों की फसल बर्बाद होती है तो ऐसे किसानों को गवर्नमेंट द्वारा मुआवजा मौजूद कराया जाता है उसमें अधिक गर्मी होना, ओलावृष्टि होना सहित अन्य प्रकार के कारण शामिल है ऐसे में जब फसल को हानि होता है तो न्यूनतम 33 फीसदी से 100 फीसदी फसल खराब होने पर गवर्नमेंट की नीति के मुताबिक ऐसे किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाता है उन्होंने कहा कि मेरठ में 78000 हेक्टेयर में गेहूं, 4000 हेक्टेयर में सरसों एवं अन्य क्षेत्रफल में गन्ना सहित अन्य फसलों को बोया जाता है

प्रधानमंत्री फसल योजना का ले किसान लाभ

जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक किसानों को अपनी फसल का पीएम फसल बीमा योजना के भीतर पंजीकरण अवश्य करना चाहिए जो नजदीकी जनसेवा केंद्र एवं बैंक के माध्यम से हो जाता है उन्होंने कहा कि इस योजना का फायदा लेने से यदि किसानों की फसल खराब होती है तो उन्हें काफी अच्छी रकम मिलती है वह बताते हैं कि एक हेक्टेयर गेहूं की फसल के बीमा के लिए मात्र 1435 रुपए बीमा राशि देनी पड़ती है यदि किसान की फसल पूरी फसल खराब हो जाती है तो 95, 700 रुपए बीमा के तौर पर मिलते हैं वहीं सरसों की फसल प्रति 1 हेक्टेयर के हिसाब से 1173 रुपए का बीमा होता है उसके लिए 78,200 रुपए की राशि मिलती है यही नहीं आलू की जो कीमती फसल होती है उसके लिए 8600 रुपए का बीमा किया जाता है उसमें यदि पूरी फसल बर्बाद होती है तो प्रति हेक्टेयर 172000 रुपए की राशि बीमा के माध्यम से गवर्नमेंट द्वारा मौजूद कराई जाती है

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