जय श्रीराम, जय-जय सियाराम, घर पहुंच गए प्रभु राम, अपने आंगन में पहुंच गए राम, जानें अब क्या होगा आगे
जय श्रीराम, जय-जय सियाराम, घर पहुंच गए प्रभु राम, अपने आंगन में पहुंच गए राम। ये वो स्वर हैं जो रामलला की नगरी अयोध्या में गूंज रहे थे। इन्हीं नारों और जयघोषों के बीच रामलला की मूर्ति को बुधवार रात राम मंदिर के गर्भगृह में लाया गया। जिसने भी यह नजारा देखा, उससे जय श्रीराम, जय-जय सियाराम कहे बिना नहीं रहा गया। बता दें कि तकरीबन 500 सालों के बाद रामलला की मूर्ति गर्भ गृह में लाई गई है। जिस समय रामलला की मूर्ति गर्भ गृह की तरफ लाई जा रही थी, उस समय भारी सुरक्षा बल तैनात था और लोगों का हुजूम इस दुर्लभ नजारे को देखने के लिए आतुर था।
कोई इसे अपनी नजरों में कैद कर लेना चाहता था, तो कोई इसे अपने कैमरों में। दर्जनों गाड़ियां मूर्ति वाले ट्रक के साथ थीं, पुलिस बल अलग लेकिन इसके बाद भी हनुमान गढ़ी के सामने श्रद्धालुओं का तांता लगा था, सड़क के दोनों तरफ लंबी लाइनें थीं। बीच बीच में रामभक्तों की टोली जय श्रीराम के नारे लगा रही थी तो कोई जय सियाराम कह रहा था। जैसे ही रामलाल की मूर्ति राम मन्दिर में लाई गई, एक स्वर में लोगों की आवाजें आने लगी ‘घर पहुंच गए प्रभु राम, अपने आंगन में पहुंच गए राम’। मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा की गई, मन्त्र पढ़े गए, रामलला की जय जयकार हुई।
अब क्या होगा आगे?
श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बतायाकि गुरुवार को गर्भगृह में मूर्ति स्थापित किए जाने की आसार है। रामलला की मूर्ति को एक ट्रक से मंदिर लाया गया। राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इससे पहले बुधवार को कलश पूजन का आयोजन किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट के ऑफिसरों के मुताबिक अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए अनुष्ठान होंगे। बता दें कि इस अनुष्ठान का संचालन 121 ‘आचार्य’ कर रहे हैं। राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्रारम्भ होगा और दोपहर एक बजे खत्म होने की आशा है।