उत्तर प्रदेश

किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी होंगी वाराणसी सीट की लोकसभा प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा सीट पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी पीएम मोदी के विरुद्ध चुनाव लड़ेंगी. अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से यूपी के 80 लोकसभा सीटों पर अब तक 24 सीटो पर अपने प्रत्याशियों के नाम का घोषणा किया गया है. जिसमे सबसे अधिक चर्चा वाराणसी लोकसभा सीट को लेकर है. वाराणसी लोकसभा सीट पर राष्ट्र की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने प्रत्याशी घोषित किया है.किन्नर और बेटियों की आवाज को राष्ट्र में बुलंद करने के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली हिमांगी सखी 12 अप्रैल को महाराष्ट्र से वाराणसी पहुंचेंगी. वाराणसी में लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने पर वह बाबा श्री काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर चुनावी शंखनाद करेंगी.वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी तीसरी बार भाजपा की तरफ से चुनावी मैदान में है. जबकि इंडी गठबंधन की तरफ से कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. वही अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमंगी सखी को प्रत्याशी बनाकर चर्चा में आ गया है. मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदिशंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने पशुपति पीठ की तरफ से महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की थी. हिमांगी राष्ट्र में किन्नरों और बेटियों की आवाज को हमेशा से उठाती रही है. विगत महीनों पहले वह ज्ञानवापी और मां श्रृंगार गौरी मुकदमा के दौरान ज्ञानवापी में गंगा जल लेकर निकाली थी. हालांकि पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से ज्ञानवापी परिसर में हिमांगी सखी को प्रवेश नही दिया था और उन्हे गेट नंबर 4 पर रोक दिया गया था.अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से वाराणसी लोकसभा का प्रत्याशी बनाए जाने पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने भाजपा पर किन्नरों के अनदेखी किए जाने का इल्जाम लगाया है. टेलीफोनिक वार्ता में हिमांगी सखी ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध चुनाव लड़ने पर बोला कि “देश के राजा ने हम किन्नरो पर ध्यान नहीं दिया इसलिए चुनाव लड़ने को पार्टी बोली तब मैंने चुनाव लड़ने की तैयारी किया है.चुनाव में हम सभी किन्नरों के लिए भी कम से कम एक सीट आरक्षित होना चाहिए ताकि हम सभी अपनी आवाज़ उठा सके. हम लोगो के बारे मे कोई नहीं सोचता तो हमने स्वयं निर्णय किया की हम स्वयं अपना कदम आगे बढ़ाये.उल्लेखनीय है, कि वाराणसी लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 1 जून को मतदान होना है. जबकि लोकसभा चुनावों का रिज़ल्ट 4 जून को आना है.

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