उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव: तीन मृत कर्मचारियों के घर पहुंचा ड्यूटी पत्र, हकीकत पता चली तो…

लोकसभा चुनाव में कार्य करने के लिए तीन मृत कर्मचारियों के घर ड्यूटी पत्र पहुंच गया. हकीकत पता चली तो अफरी तफरा मच गई. इसकी सूचना तुरन्त ऑफिसरों को दी गई. डाटा खंगाला गया और ड्यूटी काटने को लेकर पत्र व्यवहार होने लगा. लोकसभा चुनाव को लेकर तीन महीने पूर्व निर्वाचन कार्य में लगने वाले कर्मचारियों की सूची विभागों से औनलाइन की गई थी. औनलाइन सूची होने के बाद भिन्न-भिन्न तिथियों में तीन विभागों के तीन कर्मचारियों की भिन्न भिन्न कारणों से मौत हो गई. परिवारीजनों ने भी पत्र लिखकर विभाग में सूचना भेज दी और नाम हटाने की मांग की.

अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों के चलते पूर्व में औनलाइन किये गये डाटा के आधार पर कर्मचारियों के घरों को निर्वाचन ड्यूटी आवंटित कर पत्र भेज दिये गये. सीडीओ कार्यालय के अनुसार तीन कर्मचारियों के परिवारीजनों ने प्रार्थना पत्र देकर सूचना दी है कि, ड्यूटी पत्र जारी हुए तीन कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. लिहाजा निर्वाचन कर्मियों की सूची से उनके नाम हटाए जाएं. जैसे मुद्दा सीडीओ सचिन के संज्ञान में आया तो उन्होंने फौरन निर्वाचन कर्मियों की सूची से उनके नाम हटाने के लिए कार्यवाही प्रारम्भ कर दी.

बीमार होने लगे कर्मचारी, जांच करेगा चिकित्सा बोर्ड
लोकसभा चुनाव की आरंभ होते ही विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पत्र जारी कर दिये गये हैं. इसके बाद कर्मचारियों की ओर से भिन्न भिन्न कारणों के आधार पर ड्यूटी से मुक्त करने के आवेदन आने लगे हैं. आनें वाले दिनों में आवेदन और भी बढ़ने के आसार हैं. ऐसे में जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम सुधा वर्मा के निर्देश पर डॉक्टरों का एक बोर्ड गठित कर दिया है.

सीएमओ डा राजीव अग्रवाल इस बोर्ड को गठित करते हुए भिन्न भिन्न रोगों के चार डॉक्टरों को शामिल किया है. जो स्वास्थ्य से संबंधित आधार पर ड्यूटी से मुक्त करने के आवेदकों की जांच करेंगे. बोर्ड अपनी जांच रिपोर्ट सीएमओ के माध्यम से चुनाव कार्मिक प्रभारी सचिन को पास भेजेंगे. बिना बोर्ड की रिपोर्ट के स्वास्थ्य कारणों से चुनाव ड्यूटी नहीं कटेगी.

एक दर्जन आवेदन आए
चुनाव ड्यूटी से संबंधित भिन्न भिन्न विभागों के कर्मचारियों की ओर से एक दर्जन प्रार्थना पत्र सीडीओ कार्यालय पहुंचे हैं. इन पत्रों को लेकर जांच कराने के लिए संबंधित ऑफिसरों को सौंपे गए हैं. जिन पर रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही तय होगी.

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