उत्तर प्रदेश

अयोध्या में अब भी उमड़ रहे रामभक्त, इतनों ने किए रामलला के दर्शन

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने वाले रामभक्तों का जनसैलाब अब भी उमड़ रहा है अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के एक महीने बाद भी दर्शनार्थियों के उत्साह में कोई कमी नहीं हुई है रामभक्तों के आस्था का ज्वार अब भी चरम पर है अयोध्या के राम मंदिर से 12 किलोमीटर के फासले पर दूर-दूर से लोगों को लाने वाली ‘स्लीपर’ बसें विशाल पार्किंग स्थल में प्रवेश करने के लिए सड़क के किनारे कतारबद्ध हैं ये बसें इस बात की गवाही देती हैं कि नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के एक महीने बाद भी ‘दर्शन’ के लिए उत्साह बरकरार है

देश के सभी हिस्सों से अपनी अनूठी पारंपरिक पोशाकों में आने वाले भक्त ‘होल्डिंग’ स्थलों पर इकट्ठा होते हैं जहां से वे इलेक्ट्रिक बसों या ई-रिक्शा से मंदिर की ओर बढ़ते हैं ये श्रद्धालु आसपास के स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ राम पथ पर एकत्र होते हैं जो भव्य मंदिर की ओर जाता है पीएम नरेन्द्र मोदी की अगवाई में 22 जनवरी को नवनिर्मित मंदिर में रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के एक महीने बाद अयोध्या में उत्सव पूरे जोर-शोर से हो रहा है, जिसमें लाखों भक्त नवनिर्मित मंदिर में ईश्वर राम की मूर्ति के दर्शन करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं

अयोध्या के दिल स्थल राम मंदिर में आस्था की हलचल का एहसास 10 किलोमीटर से भी अधिक दूर से ही होने लगता है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालुओं को लाने वाली बसें सड़कों पर कतार में खड़ी रहती हैं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ऑफिसरों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पहले 10 दिनों में 25 लाख से अधिक भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा, ‘फरवरी में प्रत्येक दिन एक से दो लाख के बीच भक्त राम मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे अब तक मंदिर में आने वाले भक्तों की अनुमानित संख्या 50-60 लाख है

मंदिर की ओर जाते समय कुछ भक्त ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हैं, जबकि कुछ अन्य श्रद्धालु मंदिर की ओर चलते समय रामचरित मानस के दोहे गाते हैं अधिकतर लोग अपने समूह के साथ नंगे पैर चलते हैं सड़क के किनारे मिठाइयां और मंदिर के अंदर चढ़ाए जाने वाले अन्य सामान बेचने वाली छोटी दुकानें भी गुलजार हैं

स्थानीय लोग, खासकर किशोरवय लड़के रंग से भरे छोटे गिलास लेकर सड़क के किनारे खड़े रहते हैं भक्तों से इशारा मिलने पर वे तीर्थयात्रियों के माथे पर लगाने के लिए पीले रंग के तरल पदार्थ में तीन उंगलियां डुबोते हैं इसके बाद वे हिंदी में ‘राम’ लिखे एक इंच लंबे ‘स्टेंसिल’ को लाल रंग के तरल पदार्थ में डुबोते हैं अपने माथे पर ईश्वर राम का नाम अंकित करके, भक्त मंदिर की ओर चले जाते हैं

ऊपर से देखने पर विभिन्न पारंपरिक परिधानों में सजे लोगों का हुजूम हिंदुस्तान का एक संगम प्रतीत होता है श्रद्धालुओं के परिधानों से पता चलता है कि वह किस राज्य या क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं महाराष्ट्र का एक समूह मंगलवार को दर्शन करने पहुंचा इसमें अद्वितीय नौवारी शैली वाली साड़ियां पहनी महिलाएं, सफेद गांधी टोपी के साथ सफेद लुंगी और सफेद शर्ट पहने पुरुष शामिल थे राजस्थान से आए श्रद्धालुओं का एक समूह आगे जा रहा था उसमें शामिल पुरुष चटख रंगों वाली बड़ी पगड़ी पहने थे

पिछले एक महीने के दौरान विभिन्न पार्टियों के क्षेत्रीय नेताओं के अतिरिक्त मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री सितारे भी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे हैं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में अपने समकक्ष भगवंत मान के साथ अपने परिवार के साथ मंदिर का दौरा किया यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11 फरवरी को धान मंडल के लगभग 300 सदस्यों के साथ राम मंदिर में दर्शन किए थे मंगलवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने मंत्रिमंडल के साथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया

श्रद्धालुओं को दर्शन में सुविधा के लिए बनाई गई प्रबंध के अनुसार मंदिर के निकट लगभग दो किलोमीटर चलने के बाद भक्तों की भीड़ एक कतार में बदल जाती है ईश्वर राम की मूर्ति को देखने के लिए अपनी बारी का प्रतीक्षा करते हुए अधिकतर लोग हाथ जोड़कर खड़े रहते हैं जहां कुछ लोग आंखें बंद करके ‘राम-राम’ का जाप करते हैं, वहीं अन्य लोग नियमित अंतराल पर ईश्वर राम के नाम का जयकारा लगाते हैं जैसे ही कतार मंदिर के अंदर प्रवेश करती है जयकारों की गूंज तेज हो जाती है और जैसे ही भक्त गर्भगृह के सामने से गुजरते हैं और ईश्वर राम की भव्य मूर्ति देखते हैं तो जयकारों की ध्वनि कम हो जाती है

रामलला के दर्शन करने आए राजस्थान के टोंक जिले के निवासी सुभाष कुमावत (59) ने कहा, ‘मेरा वर्षों का सपना पूरा हो गया मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवनकाल में ईश्वर राम के मंदिर में दर्शन कर पाऊंगा, लेकिन मेरी ख़्वाहिश पूरी हो गई’ अपने ईश्वर के निकट कुछ और क्षण बिताने की ख्वाहिश में गर्भगृह को पार करने के बाद भक्तों की कतार की गति थोड़ी धीमी हो जाती है

स्थानीय लोगों के अनुसार, रामलला के दर्शन के लिए दिन के समय के आधार पर कतार में एक घंटे से लेकर चार घंटे तक का समय लग सकता है पुणे से आयी एक गृहिणी मंशी करमाकर ने कहा, ‘मुझे ऐसा लगा कि मैं ईश्वर राम के सामने बैठूं और मंदिर के अंदर कुछ और मिनट बिताऊं लेकिन मुझे ईश्वर राम के दर्शन करने का मौका मिला, मैं और क्या चाह सकती हूं

Related Articles

Back to top button