मुजफ्फरनगर थप्पड़ कांड…SC की यूपी सरकार को फटकार: कहा…
मुजफ्फरनगर में एक प्राइवेट विद्यालय में बच्चे को दूसरे बच्चे से थप्पड़ लगवाने के मुद्दे में उच्चतम न्यायालय ने चिंता जताई। उच्चतम न्यायालय ने कहा, विद्यालय में बच्चे के साथ सांप्रदायिक आधार पर इस तरह की अत्याचार से बहुत गलत उदाहरण पेश किया गया। न्यायालय ने घटना के 2 सप्ताह बाद FIR दर्ज होने पर पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताई। मुद्दे की जांच आईपीएस अधिकारी को सौंपी और रिपोर्ट तलब की है।
सुप्रीम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट को निर्देश दिया कि बच्चे की पढ़ाई का व्यवस्था दूसरे विद्यालय में करवाया जाए। पीड़ित बच्चे और थप्पड़ मारने वाले बच्चों की मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग भी करवाने को बोला गया है।
कोर्ट ने कहा- 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई
जस्टिस अभय एस ओक और पंकज मित्तल की बेंच ने बोला कि आईपीएस स्तर के अधिकारी देखें कि इस मुद्दे में किन धाराओं को लगाना चाहिए। गवाहों को सुरक्षा देनी चाहिए। इस मुद्दे में FIR दर्ज करने में देरी हुई है। बच्चे के पिता की कम्पलेन में सांप्रदायिक आधार पर निशाना बनाने की बात थी। उसे FIR में शामिल नहीं की गई। मुद्दे की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
कोर्ट ने बोला कि इस मुकदमा में शिक्षा के अधिकार को लागू करने की असफलता नजर आती है। जिसमें बच्चों के साथ धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव न करने और उनसे शारीरिक अत्याचार या मानसिक उत्पीड़न न करने की बात कही गई है।
तुषार गांधी ने दाखिल की थी याचिका
सामाजिक कार्यकर्ता और महात्मा गांधी के पपौत्र तुषार गांधी ने इस मुद्दे में राज्य गवर्नमेंट की निष्क्रियता को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी। इसका राज्य गवर्नमेंट की ओर से यह कहकर विरोध किया गया कि याचिकाकर्ता अपनी पहचान महात्मा गांधी के प्रपौत्र के रूप में दर्ज न कराएं। इस पर न्यायालय ने फटकार लगाते हुए उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट से कहा- इस मुद्दे में मूल अधिकार का उल्लंघन हुआ है।इसलिए स्वत: संज्ञान लेकर भी न्यायालय सुनवाई कर सकता है। गवर्नमेंट को ऐसे मामलों में याचिकाकर्ता के संबंध से चिंतित नहीं होना चाहिए।
24 अगस्त को मुजफ्फरनगर के एक विद्यालय में टीचर ने 5 का पहाड़ा याद न होने पर एक विद्यार्थी को उसके साथियों से थप्पड़ मरवाए। पीड़ित बच्चा यूकेजी का विद्यार्थी है। पहाड़ा याद नहीं होने पर गुस्साई टीचर ने बारी-बारी से क्लास के बच्चों को बुलाकर विद्यार्थी को पिटवाया था।
अगले ही दिन इस मुद्दे का वीडियो वायरल हो गया था। इस घटनाक्रम के बाद विद्यार्थी के पिता ने इल्जाम लगाया था कि उनका बच्चा बुरी तरह से डर गया है और अब वह अपने बच्चे को उस विद्यालय में नहीं पढ़ाएंगे। उन्होंने पिटाई करवाने वाली शिक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी।
बच्चा रोता रहा, फिर भी टीचर का दिल नहीं पसीजा
वीडियो में टीचर को इस बात पर गुस्सा करते हुए देखा जा सकता है कि उन्होंने बच्चों को 5 का पहाड़ा याद करवा दिया था। लेकिन इसके बावजूद बच्चा पहाड़ा भूल गया। इसलिए वह बच्चों को उसे सबक सिखाने के लिए थप्पड़ मारने को कहती हैं। टीचर के कहने पर एक बच्चा उठकर पहाड़ा भूलने वाले बच्चे को थप्पड़ लगाता है। इस पर मैडम बोलती हैं, ‘ताकत नहीं है क्या?’ मार पड़ते ही बच्चा तेजी से रोने लगता है, मगर टीचर का दिल नहीं पसीजता।
इस वीडियो के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासनिक स्तर पर काफी हलचल मच गई थी। BSA शुभम शुक्ला ने जांच के आदेश दिए थे और विद्यालय मैनेजमेंट को भी नोटिस जारी किया गया था।
घटना पर आई थी राहुल गांधी, ओवैसी की प्रतिक्रियाएं
टीचर वीडियो में यह कहती नजर आ रही थी कि जिन मुसलमान बच्चों की माएं उनकी पढ़ाई पर ध्यान नहीं देतीं, इससे बच्चों का नाश हो जाता है। वहां बैठे एक शख्स का बनाया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस पर कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी ने बोला था, ये बीजेपी का फैलाया वही केरोसिन है, जिसने हिंदुस्तान के कोने-कोने में आग लगा रखी है।’ प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘नफरत तरक्की की सबसे बड़ी शत्रु है। हमें एकजुट होकर इस नफरत के विरुद्ध कहना होगा।’
वहीं, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘इसके उत्तरदायी योगी और उनकी नफरती सोच है।’ वरुण गांधी ने कहा, ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा रेट ने पूरे राष्ट्र का सिर लज्जा से झुका दिया।