राम भक्तों को लगा बड़ा झटका: रामनवमी पर नहीं होगा रामलला का सूर्य तिलक
अयोध्या में रामलला अपने भव्य महल में 22 जनवरी को विराजमान हो चुके हैं। जिसके बाद से देश-दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है और दूसरे चरण का काम दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा और दिसंबर 2025 तक संपूर्ण मंदिर का निर्माण पूरा होगा।
इसी बीच अयोध्या के राम मंदिर को लेकर एक चर्चा चल रही थी। रामलला की प्रतिमा पर हर राम नवमी को सूर्य तिलक होगा। सूर्य की किरणें रामलला के प्रतिमा के मस्तिष्क पर तिलक करेंगी। जिसको लेकर रुड़की के वैज्ञानिक रिसर्च भी कर रहे हैं। सभी राम भक्तों के मन में यहां आशा थी कि इस रामनवमी को यह अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। लेकिन राम भक्त इस बार की रामनवमी पर इस अद्भुत दृश्य के दर्शन नहीं कर पाएंगे।
महासचिव चंपत राय ने कहा कारण
बीते दिनों राम मंदिर ट्रस्ट की एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें आनें वाले रामनवमी और मंदिर निर्माण को लेकर मंथन किया गया था। इस दौरान रामनवमी पर होने वाले सूर्य तिलक को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक बड़ा बयान दिया है। चंपत राय के अनुसार इस बार राम नवमी पर ईश्वर सूय अपनी किरणों से रामलला का तिलक नहीं कर पाऐंगे। इसके पीछे का कारण यह है कि राम मंदिर के गर्भगृह के ऊपर का मुख्य शिखर का निर्माण का काम पूरा नहीं हो सका है। वैज्ञानिकों की टीम के मुताबिक मंदिर के शिखर का निर्माण जब पूरा हो जाएगा तो उसके बाद प्रभु राम के ललाट पर सूर्य देव तिलक करेंगे।
जल्द पूरी होगी रामभक्तों की इच्छा
चंपत राय ने कहा कि अगले 18 महीने में मंदिर के प्रथम तल, द्वितीय तल, शिखर, परकोटा के अतिरिक्त सप्त ऋषियों के मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि जब तक शिखर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक इस सूर्य तिलक संभव नहीं है। हालांकि इस पर वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। कैसे सूर्य की किरणें रामनवमी के दिन रामलला के माथे पर अभिषेक करेंगी और इस दृश्य को देखने के लिए हर राम भक्त लालायित है उनकी ख़्वाहिश जल्द ही पूरी होगी।