उत्तर प्रदेश

पेट में गैस बनना, भारी रहना या अपच जैसी दिक्कत, पाचन की दिक्कतें देख डाक्टर हैरान

Reason for Acidity: पेट में गैस बनना, भारी रहना या अपच जैसी दिक्कत आम तौर पर लोग ऐसी कठिनाई में कैमिस्ट से स्वयं ही दवा लेकर खा लेते हैं यदि आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए यह बुरी आदत एसिडिटी का स्थाई रोगी बना सकती है

इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन ने प्रदेश के चार गावों का सर्वे किया साथ ही इससे जुड़े डाक्टरों और रोगियों का फीडबैक लिया वरिष्ठ फिजीशियन डा अरुण अग्रवाल के अनुसार सर्वे में पाया गया कि शहर में रहने वाले 10 में से सात लोग एसिडिटी की परेशानी से पीड़ित हैं इन लोगों में गैस से बनने वाली बीमारियां जीईआरडी हैं जबकि देहात में यह आंकड़ा दो से तीन के बीच है कारण यह कि वहां के लोग पैदल अधिक चलते हैं खेतों में काम करते हैं

सर्वे में 204912 रोगियों से भी वार्ता की गई साथ ही 554146 रोगियों से एसिडिटी वाले डाक्टरों के पास जाने का कारण पूछा गया इन जैसी रोंगों का उपचार करने वाले 7400 डाक्टरों के अनुभव भी लिए गए पता चला कि गैस संबंधी दिक्कतों में केवल 10 फीसदी रोगियों ने ही डाक्टरों से परामर्श लिया है शेष सभी ने स्वयं कैमिस्ट से दवाएं लेकर खाई हैं लगातार सेवन के बाद उन्होंने एसिडिटी का बीमारी पाल लिया है

एक-दो बार एसिडिटी है सामान्य 

हफ्ते में एक या दो बार एसिडिटी सामान्य बात है ऐसे में दवाएं न लें बल्कि दिनचर्या में परिवर्तन की आवश्यकता है खानपान में भी परिवर्तन करना चाहिए यदि हफ्ते में तीन बार से अधिक एसिडिटी हो रही है तो एंटासिड ड्रग वाली दवाएं ली जा सकती हैं अधिक परेशानी होने पर एच-2 और पीपीआई ड्रग्स लेने होते हैं लेकिन इन दवाओं को डाक्टर के लिखने के बाद ही लिया जाना चाहिए

यह हैं एसिडिटी बनने के कारण 

गोलगप्पे, काफी, खाली पेट दूध पीना, सोडा, कोल्ड ड्रिंक, परांठे, पकौड़े, बेढ़ई, तला-भुना, मसालेदार खाना, बैठकर काम करना, धूम्रपान, शराब, टेस्टी चीजों को भरपेट खाना, सफेद नमक, सफेद आटा, चीनी, रिफायंड और तनाव

इस परिवर्तन से दूर होगी दिक्कत 

सुबह उठते ही दो गिलास पानी, आधा घंटा टहलना, खाने से पहले पानी पीना, खाने के एक घंटे बाद पानी, नाश्ते में फल और स्प्राउट्स खाना, ब्रेड-बटर त्यागना, पैक्ड ड्रिंक्स न लेना, सोने से पहले कुछ न पीना, रात को जल्द सोकर जल्द उठना

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