बच्ची की दिलेरी बनी चर्चा का विषय
बस्ती- कहते हैं कि हौसला और सूझबूझ से किया गया काम किसी की जान भी बचा सकता है,ऐसे ही एक बच्ची ने सूझबूझ और दिलेरी के चलते दो बच्चो की जान अपनी सूझबूझ से उस समय बचा ली. घर के अंदर लगभग आधा दर्जन बंदर प्रवेश कर उत्पात मचाने लगे,इसी दौरान निकिता और उसकी 15 माह की मासूम बच्ची वामिका बंदरो के झुंड के बीच में घर के अंदर फंस गयी, तभी निकिता ने एलेक्सा डिवाइस की सहायता से कुत्ते की आवाज निकालने को कहा और कुत्ते की आवाज सुन बंदर भाग खड़े हुए.
पूरा मुद्दा बस्ती शहर के आवास विकास कॉलोनी का है जहाँ 13 वर्ष की निकिता ने ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया, निकिता ने न सिर्फ़ अपनी और मासूम की जान बचाई बल्कि अनेक बेटियों के लिए ऐसी मिसाल पेश की कि आधुनिक डिवाइस का परफेक्ट इस्तेमाल करके किसी भी चुनौती से निजाद पाया जा सकता है. ये उसने साबित कर दिया.
निकिता 15 महीने की भांजी वामिका को लेकर खेल रही थी, कि तभी पहली मंजिल स्थित किचन के पास सोफे पर दोनों बैठे थे, और बाकी घर के सदस्य दूसरे कमरों में थे, तभी लगभग आधा दर्जन बंदर घर के अंदर घुस गए और उत्पात मचाने लगे, वह किचन में बर्तन और खाने-पीने का सामान उठाकर फेंकने लगा,अचानक पास में बंदर को उत्पात मचाते देख दोनों बच्चियां घबरा गईं, वामिका कुछ समझ नहीं पाई मगर डर कर मां-मां कहने लगी, वहीं निकिता भी डर गई, बंदर उन दोनों की तरफ कई बार दौड़ा कर काटने का कोशिश करते कि तभी उसकी नजर फ्रिज पर रखे एलेक्सा डिवाइस पर गई, उसने कहा एलेक्सा (डिवाइस) कुत्ते की आवाज निकालो,वायस कमांड पाते ही एलेक्सा कुत्ते की तरह भौं-भौं की आवाज करने लगा कुत्ते की आवाज सुनते ही बंदर बालकनी से होता हुआ भाग भाग खड़े हुए,कही न कही निकिता की दिलेरी के चलते सभी सुरक्षित बच गए आज निकिता की दिलेरी और सूझबूझ की चर्चा बनी हुई है.