इस दिन है राधा अष्टमी,ये है पूजा का मुहूर्त
वाराणसी: ईश्वर श्रीकृष्ण के जन्म के 15 दिन बाद राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2023) का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन राधा रानी का जन्म हुआ था। हिन्दू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्ठमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस बार राधा अष्टमी के तारीख को लेकर कन्फ्यूजन की स्तिथि है। कोई 22 सितंबर तो कोई 23 सितंबर को इसे मनाने की बात कर रहा है। आप भी राधा अष्टमी के तारीख को लेकर कन्फ्यूज है तो आज ही अपना कन्फ्यूजन दूर कर लीजिए।
काशी (Kashi) के विद्वान और ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने कहा कि इस बार राधा अष्टमी का पर्व 22 सितंबर को मनाया जाएगा। ऋषिकेश पंचांग के मुताबिक 22 सितंबर 2023 को दिन में 9 बजकर 06 मिनट से अष्टमी तिथि प्रारम्भ हो रही है, जो अगले दिन यानी 23 सितंबर को सुबह 7 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। आम तौर पर उदया तिथि के अनुसार ही हिंदी कैलेंडर की तिथि मान्य होती है, लेकिन राधा रानी का जन्म अष्टमी तिथि में मध्यान काल में हुआ था। ऐसे में 22 सितंबर को ही अष्टमी तिथि मध्यान काल में मिल रही है लिहाजा यह पर्व 22 सितंबर को ही मनाया जाएगा।
वैवाहिक सम्बंधों में बढ़ती है मधुरता
यह पर्व वृंदावन, मुथरा और काशी के अतिरिक्त पूरे उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इन दिन राधा रानी की पूजा से ईश्वर श्रीकृष्ण का आशीर्वाद भी मिलता है। इसके अतिरिक्त वैवाहिक सम्बन्धो में मधुरता भी बढ़ती है।
ये है पूजा का मुहूर्त
राधा रानी का जन्म मध्यान काल मे हुआ था। दिन के बाद क दूसरे पहर को मध्यान पहर या मध्यान काल कहते है। इस समय सूर्य की किरणें सीधे सिर पर पड़ती है। ऐसे में 22 सितंबर को पूजा के लिए 11 बजकर 36 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट का समय बहुत शुभ है। इन समय में लोगों को राधा रानी की पूजा करनी चाहिए। इससे घर में सुख समृद्धि का वास भी होता है।