UP : कुत्ते को बांधकर दी गई तालिबानी सजा, आखिर कब तक पुलिस ऐसे मामलों को करेगी नजरअंदाज
आजकल राष्ट्र भर से पशुओं पर अत्याचार की ख़बरों ने लोगों मरती मानवता को जाहिर किया है. इनमें सबसे अधिक मुद्दे कुत्तों से जुड़े हुए होते हैं. अब एक और मुद्दे ने लोगों का दिल दहला दिया है. कुत्तों के लिए आजकल के क्रूर बने इंसानों के दिल में नफरत कितनी बढ़ गई है, इसका एक खौफनाक मंजर कैमरे में कैद हुआ है. मुद्दा यूपी की राजधानी लखनऊ का है, जहां से मानवता को शर्मशार कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो को देखें के बाद आपके मन में भी प्रश्न पैदा होगा कि क्या ये एक सभ्य समाज के पढ़ें लोग हैं. जो अनपढ़ तो चोरो जानवरों से भी बत्तर हो गए हैं.
दरअसल, यह पूरा मुद्दा राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित लोधपुर उजरियांव गांव का है. जहां से एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में पढ़े लिखे सभ्य समाज के दम्पति को एक स्ट्रीट डॉग को खम्भे से बांधकर ताबड़तोड़ वार करते देखा जा रहा है. मिली समाचार के मुताबिक ये दम्पति लखनऊ के गोमतीनगर स्थित लोधपुर उजरियांव गांव के रहने वाले हैं. जिन्होंने स्ट्रीट डॉग को खम्भे से बांधकर लोहे की रॉड से उस बेजुबान के सिर पर ताबड़तोड़ वार किया है.
निर्ममता और निर्लज्जता से भरे इस दम्पति का दिल उस बेजुबान के चीखने और दर्द से कराहने पर भी नहीं पिघला. वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि आदमी से क्रूर बने दम्पति के चेहरे पर इस घटिया करतूत करने के दौरान एक शिकन भी नहीं आ रही है. दोनों लगातार एक के बाद एक दनादन उस बेजुबान जानवर को बेशर्मी के साथ रॉड से पीटते जा रहे हैं.
इस घटना में दोनों आरोपियों ने स्ट्रीट डॉग के पैर तोड़ दिए. मगर हद तो तब हो गई जब ये क्रूर इतने पर भी नहीं रुके. इसके बाद दोनों बेशर्मों ने उस कुत्ते को रस्सी से बाइक पर पीछे बाँध दिया और कई किलोमीटर तक उसे घसीटा. मानवता को शर्मशार कर देने वाली इस घटना को वहां उपस्थित आसपास के लोग भी तमाशबीन बने बस देख रहे थें. इस मुद्दे को देखने के बाद सभी के मन में बस एक ही प्रश्न गूंज रहा है. आखिर उस बेजुबान की कौन सी गलती का उसे इतनी बड़ी सजा दी जा रही है.
बता दें, इस हैवानियत की घटना को अंजाम देने वाले दम्पति का नाम जगदीश उर्फ़ अप्पा और सोनम कहा जा रहा है. हालांकि, मुद्दा सामने आने के बाद इन हैवानों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई को लेकर तैयारी कर रही है.
इस तरह का यह कोई पहला मुद्दा नहीं है, जब ऐसे हैवानों के द्वारा किसी लाचार और बेजुबान पशु के साथ ऐसी निर्ममता की गई हो. मगर हर बार हैवानियत से भरे ऐसे लोगों की इस घटिया और नीच हरकत पर बस दो से चार दिन बवाल होता है और फिर मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. जब बेजुबानों के साथ ऐसे लोगों का ये बर्ताव है तो इसकी क्या गारंटी है कि ये लोग कल को किसी आदमी के साथ ऐसा नहीं कर सकते. ऐसे में इस तरह का हैवानों वाला व्यवहार रखने वाले लोगों पर यदि जल्द से जल्द कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया, तो वो दिन दूर नहीं जब ये लोग अपने इर्द-गिर्द लोगों के लिए खतरा बन जाएंगे.
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