उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश को ट्यूबरक्लोसिस मुक्त बनाने की दिशा में तेज गति से हो रहा काम

लखनऊ यूपी को ट्यूबरक्लोसिस मुक्त बनाने की दिशा में तेज गति से काम हो रहा हैइसके लिए भिन्न-भिन्न ढंग से टीबी के रोगियों को खोजने का काम और उनका उपचार किया जा रहा है योगी गवर्नमेंट ने अब प्रीजेम्टिव (अनुमानित) केसों की अधिक से अधिक जांच कराने का निर्णय किया है

स्टेट टीबी अधिकारी डाक्टर शैलेंद्र भटनागर ने इस संबंध में सभी जिला क्षय बीमारी ऑफिसरों को पत्र जारी किया है पत्र में निर्देश दिया गया है कि सभी जिले प्रीजेम्टिव टीबी के केसों की जांच बढ़ाएं पत्र के अनुसार इस वर्ष प्रीजेम्टिव टीबी इक्जामिनेशन दर 2000 प्रति लाख जनसंख्या प्रति साल होना चाहिए ज्यादातर जिले इस लक्ष्य को अभी तक प्राप्त नहीं कर सके हैं इसलिए वर्ष के बचे कार्यदिवसों में लक्ष्य को प्राप्त करें

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हालांकि टीबी रोगी खोजने के मुद्दे में हिंदुस्तान की प्रशंसा की है विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2023 के अनुसार साल 2022 में टीबी से होने वाली मौतें भी घटी हैं इस दौरान दुनिया के 27 प्रतिशत टीबी रोगी हिंदुस्तान में पाए गए हैं

यह आंकड़े बताते हैं कि देश-प्रदेश में टीबी रोगियों को चिंहिकरण का काम तेज हुआ है नेशनल स्ट्रेटजिक प्लान 2017-2025 के मुताबिक, टीबी उन्मूलन का लक्ष्य 44 मुकदमा प्रति लाख निर्धारित किया गया है ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2023 के अनुसार राष्ट्र में बीते वर्ष 199 मुकदमा प्रति लाख मिले हैं जिसे 2023 में 77 प्रति लाख होने की आशा है

एसटीओ ने हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में सक्रिय मुकदमा फाइंडिंग कैम्पेन कराने, क्षय मरीजों के संपर्क में रहने वाले समस्त व्यक्तियों की जांच कराने, गैर संचारी बीमारी क्लीनिक, आरबीएसके/आरकेएसके की स्क्रीनिंग कराने के लिए जांच कराने और समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं में रेफरल की नियमित मानीटरिंग के निर्देश दिए हैं

उन्होंने निक्षय दिवस और सीएम आरोग्य मेले के दौरान अधिक से अधिक संभावित क्षय मरीजों की जांच कराने को भी लिखा है

 

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