उत्तराखण्ड

उत्तराखंड हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब, कहा…

नैनीताल उच्च न्यायालय ने नैनीताल कारावास में फैली अव्यवस्थाओं और कारावास के जर्जर भवन का खुद संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य गवर्नमेंट को कारावास को शिफ्ट करने या इसका सुधारीकरण किए जाने को लेकर दस दिन के भीतर स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं

कोर्ट ने अधिवक्ता श्रुति जोशी को इस मुद्दे में न्यायमित्र नियुक्त किया है न्यायालय ने उनसे बोला है कि वह कारावास का निरीक्षण करें कैदियों से मिलकर उनकी समस्याओं से न्यायालय को अवगत कराएं जिससे कि कारावास में बंद कैदी समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें उन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण देने की प्रबंध पर सुझाव देने को बोला है ताकि कारावास से बाहर आने के बाद वे बेहतर जीवन यापन कर सके

मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति रोकश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मुद्दे की सुनवाई हुई मुद्दे के मुताबिक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने नैनीताल कारावास के निरीक्षण के दौरान पाया कि 1906 में बना कारावास का भवन काफी पुराना हो चुका है जो जर्जर हालत में पहुंच चुका है कारावास में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है कारावास में बंद कैदियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है

 

 

जेल भवन मुख्य सड़क से काफी दूरी पर स्थित है कैदियों के बीमार पड़ने पर उन्हें समय पर हॉस्पिटल पहुंचाने की दिक्कतें होती है निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नैनीताल कारावास भवन भूगर्भीय दृष्टि से भी संवेदनशील है जो कभी भी भूस्खलन की जद में आ सकता है जिसका उच्च न्यायालय ने खुद संज्ञान लिया है

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