उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा: पैदल यात्रा से पहले ही होगी बुजुर्ग यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच

चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मौजूद कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां प्रारम्भ कर दी हैं. ऋषिकेश से लेकर केदारनाथ, बदरीनाथ, गौरीकुंड, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर 50 स्थानों पर मेडिकल ट्रांजिट कैंप लगाकर 55 वर्ष से अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य जांच की जाएगी.

इसके अतिरिक्त यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे. चारधाम यात्रा 10 मई से प्रारम्भ हो रही है. चारधामों के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की पैदल यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की कमी और ठंड के कारण तीर्थयात्रियों की तबीयत बिगड़ जाती है.

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जगह-जगह मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाकर प्राथमिक चिकित्सा सुविधा दी जाएगी. पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने दूसरे राज्यों का पत्र लिखकर स्वयंसेवी के रूप में डॉक्टरों को यात्रा में सेवाएं देने के लिए भेजने का आग्रह किया है. इसके अतिरिक्त राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों से दो सौ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को यात्रा ड्यूटी में तैनात किया जाएगा.

सचिव स्वास्थ्य डाक्टर आर राजेश कुमार ने बताया, चारधाम यात्रा पर आने वाले 55 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी. यदि किसी यात्री को स्वास्थ्य संबंधी कठिनाई है तो उन्हें उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पैदल यात्रा न करने की राय दी जाएगी. इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा मार्गों में स्वास्थ्य को लेकर जरूरी सावधानी और मौजूद सेवाओं को लेकर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे.

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