उत्तराखण्ड

धरती की खूबसूरत जगहों में शामिल है ये गांव, महाभारत से है यहां का संबंध

पिथौरागढ़: उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व में विख्यात है इस राज्य की सीमा चीन से लगी हुई है हिमालय ही यहां की सीमा को निर्धारित करते हैं इन हिमालय इलाकों में अनेकों खूबसूरत गांव हैं, जिन्हें अब राष्ट्र के पहले गांव के नाम से जाना जाता है ऐसा ही बहुत खूबसूरत गांव है कुटी, जो 12000 फीट की ऊंचाई पर भारत- चीन सीमा पर बसी अंतिम जनसंख्या है

महाभारत से है यहां का संबंध
यह गांव जितना खूबसूरत है, उतना ही धार्मिक मान्यताओं में इसे पवित्र गांव भी माना गया है महाभारत की घटनाओं से इस गांव का सीधा सम्बंध है, जिसका नाम ही पांडवों की माता कुंती के नाम पर पड़ा है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत युद्ध के बाद पांडव दुखी होकर अपनी माता कुंती और पत्नी द्रौपदी के साथ इस जगह पर पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने लंबे समय तक महल बना कर निवास किया

युधिष्ठिर को हुई थी स्वर्ग की प्राप्ति
इसी स्थान पर घूमते हुए युधिष्ठिर को स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी और अन्य भाईयों और पत्नी ने युधिष्ठिर की तलाश करते हुए इसी जगह पर अपने प्राण त्यागे थे माता कुंती, जो अपने बेटों और बहू के आने का प्रतीक्षा कर रही थी उन्हें अहसास हो गया था कि अब उनके बेटे वापस नहीं आने वाले है, जिस कारण उन्होंने देवताओं की अराधना की और देवताओं ने उन्हें इस जगह पर अमरत्व का वरदान दिया गांव के लोग माता कुंती को आज भी देवी के रूप में पूजते हैं

6 महीने ही रहते हैं ग्रामीण
कुटी के ग्रामीण केवल 6 महीने ही अपने गांव में गुजारते हैं हिमालय की गोद में बसा ये गांव सर्दियों में पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है आजादी के सत्तर दशक बाद भी यहां न तो बिजली है और न ही कोई हेल्थ सेंटर ग्रामीण खेती के जरिए ही अपना पेट पालते हैं यहां के कुछ लोग इंडो-चाइना ट्रेड में भी हिस्सेदारी करते थे लेकिन, बीते 4 वर्ष से ट्रेड बंद होने ये कारोबार भी ठंडा पड़ा है बॉर्डर के इस आखिरी गांव में एक ही दुकान है, जो आने-जाने वाले सैलानियों के अतिरिक्त आईटीबीपी के जवानों से आबाद रहती है

 

धार्मिक मान्यताओं का है विशेष महत्व
पिथौरागढ़ जिलें के अति दुर्गम इन इलाको का धार्मिक मान्यताओं में खासा महत्व है ईश्वर शिव के निवास जगह कैलाश मानसरोवर पहुंचने का यह पौराणिक मार्ग है, जिसे स्वर्ग जाने का रास्ता भी बोला जाता है उल्टा परिस्थितियों में इस जगह पर रहना किसी वरदान कम नहीं है

पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है कुटी गांव
यहां के ग्रामीणों ने पर्यटकों के लिए अपने घरों में ही होमस्टे की सुविधा की हुई हैं हिमालय के बीच इस पवित्र जगह में क्षेत्रीय संस्कृति के साथ रहना वाकई सुखद अहसास है यहां पिथौरागढ़ जिले से टैक्सी करके इनर लाइन परमिट धारचूला एसडीएम कार्यालय से बना कर सरलता से पहुंचा जा सकता है यात्रा संबंधित जानकारी के लिए आप इस नंबर पर 7454912340 संपर्क कर सकते हैं

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