नए साल की शुभ शुरुआत करने के लिए ऋषिकेश के इस मंदिर में करें देवी के दर्शन
नया वर्ष 2024 प्रारम्भ होने में अब कुछ ही घंटे बाकी हैं। नए काम की आरंभ हो या नए वर्ष की, सभी ईश्वर के आशीर्वाद से करते हैं। उत्तराखंड में स्थित योगनगरी ऋषिकेश योग के साथ ही यहां स्थित प्राचीन मंदिरों और घाटों के लिए विश्व मशहूर है। वहीं बात करें यहां स्थापित मंदिरों की तो यहां कई सारे प्राचीन और मान्यता प्राप्त मंदिर हैं, जिनका काफी रोचक इतिहास है। उन्ही मंदिरों में से एक है प्राचीन मन ख़्वाहिश देवी मंदिर। यदि आप नए वर्ष के मौके पर ऋषिकेश घूमने आए हुए हैं या आने की सोच रहे हैं, तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करें। यह मंदिर ऋषिकेश के शोर से दूर एकांत में स्थापित एक अद्भुत मंदिर है।
मां भगवती ने पिंडी रूप में दिए थे दर्शन
मुख्य शहर से पांच किलोमीटर की दूरी पर जंगलों के बीचोंबीच स्थित प्राचीन मन ख़्वाहिश देवी मंदिर काफी मशहूर मंदिर है। Local 18 के साथ वार्ता में पंडित हर्षमणि नौटियाल बताते हैं कि इस मंदिर का इतिहास लगभग 500 साल पुराना है। मंदिर में विशेष रूप से पिंडी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि यहां मां भगवती ने पिंडी के रूप में दर्शन दिए थे जोकि स्कंद पुराण में वर्णित है। साथ ही यह मंदिर जंगल के बीच स्थित है, जिसके पांच किलोमीटर के दायरे में कोई भी दुकान या बाजार नहीं है। मन ख़्वाहिश देवी पांच किमी की दूरी पर स्थित रानीपोखरी वासियों की कुल देवी हैं। विशेष रूप से आषाढ़ माह में यहां के हर घर से आदमी मां के दरबार में दर्शन करने आता है।
नारियल और रोटा चढ़ाने से पूरी होती इच्छा
हर्षमणि बताते हैं कि यह मंदिर मन ख़्वाहिश देवी के नाम से मशहूर है। इस मंदिर का नाम ही इस मंदिर का महत्व समझा देता है। यहां सभी भक्तजनों की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। उसके साथ ही जो कोई भी आदमी लगातार 40 दिन मां के दरबार में आता है और पूजा अर्चना करता है, उसकी इच्छा जरूर पूर्ण होती है। यदि कोई भी आदमी मां को रोटा और नारियल चढ़ाता है और दिल से ख़्वाहिश मांगता है, तो मां मन ख़्वाहिश देवी उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण करती हैं।