उत्तराखंड के पूर्व सीएम की बेटी आरुषि नैनीताल की वादियों में पहुंची ‘काफल’ वेब सीरीज के लिए
नैनीताल। उत्तराखंड के कद्दावर भाजपा नेताओं की फेहरिस्त में शुमार राज्य के पूर्व सीएम और वर्तमान में हरिद्वार से सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhariyal Nishank) राजनीति की दुनिया में बड़ा कद रखते हैं। वह पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी बेटी आरुषि निशंक (Aarushi Nishank) भी किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने राजनीति से इतर अपनी अलग पहचान बनाई और अभिनय के साथ ही वह कई फिल्मों और गानों में बतौर कोरियोग्राफर और डायरेक्टर भी काम कर चुकी हैं। आरुषि इन दिनों नैनीताल की खूबसूरत वादियों में ‘काफल’ वेब सीरीज के लिए पहुंची हैं। वह बतौर कोरियोग्राफर इस सीरीज में काम कर रही हैं। आरुषि ने ‘लोकल 18’ से खास वार्ता में कहा कि ‘डिज्नी हॉटस्टार’ के बैनर तले बन रही इस वेब सीरीज में उत्तराखंड की संस्कृति, रहन-सहन, पहाड़, पहाड़ी लोगों की जीवनशैली की झलक देखने को मिलेगी। पहाड़ के टैलेंट को प्रोत्साहित करने के मकसद से इस वेब सीरीज में क्षेत्रीय कलाकारों को शामिल किया गया है।
फिल्मी दुनिया में कदम रख चुकीं आरुषि निशंक उत्तराखंड की संस्कृति को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि तरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शित करना चाहती हैं। हाल ही में उनके पहले म्यूजिक वीडियो ‘वफा न रास आई’ को लोगों ने काफी प्यार दिया है। जानकारी के मुताबिक, इस गाने को 300 मिलियन से भी अधिक व्यूज मिले हैं। इसके अतिरिक्त आरुषि उत्तराखंड में पर्यावरण की समस्याओं पर भी काम कर रही हैं।
लोगों की सहायता का अच्छा जरिया है राजनीति
आरुषि ने कहा कि उनके परिवार में पहले से ही साहित्य के प्रति एक अच्छा माहौल रहा है। उनके पिता एक राजनेता होने के साथ ही एक अच्छे लेखक भी हैं। उनकी मां भी कथक नृत्यांगना रही हैं। इस परिवेश में पली-बढ़ी आरुषि फिल्मी जगत के माध्यम से समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती हैं। आरुषि राजनीति को लोगों की सहायता करने का एक अच्छा जरिया मानती हैं।
कथक नृत्यांगना भी हैं आरुषि
फिल्मी जगत में उत्तराखंड की उभरती कलाकार आरुषि कथक का भी शौक रखती हैं। आरुषि तरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शास्त्रीय कथक को प्रतिपादित कर चुकी हैं। साथ ही वह कई राष्ट्रों में कथक के माध्यम से हिंदुस्तान का अगुवाई भी कर चुकी हैं।
पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कर रहीं काम
आरुषि निशंक हिंदुस्तान समेत दुनिया के 15 से भी अधिक राष्ट्रों में गंगा अवतरण के बारे में बता चुकी हैं। हिंदुस्तान में भी गंगा नदी के संरक्षण के लिए ‘नमामि गंगे’ प्रोजेक्ट को लीड कर चुकी हैं। उन्होंने दुबई से ‘गंगा तुझे सलाम’ कैंपेन की आरंभ की थी। उन्होंने गंगा की महत्वत्ता को विदेशों में फैलाते हुए 15 से अधिक राष्ट्रों को इस पावन नदी के महत्व से जोड़ा है।
पीएचडी भी कर चुकी हैं आरुषिनिशंक
आरुषि फिल्मी दुनिया के साथ ही शिक्षा में भी महारत हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने एमबीए के साथ ही कनाडा से इंटरनेशन बिजनेस स्टडीज़ में डिप्लोमा भी किया है। कुछ समय पहले ही उनकी मानव संसाधन विषय पर पीएचडी पूरी हुई है।
उत्तराखंड की महिलाएं प्रेरणा स्रोत
आरुषि निशंक ने बोला कि उत्तराखंड की महिलाएं उनके लिए प्रेरणास्रोत हैं। पहाड़ का जीवन मुश्किल है। उत्तराखंड की स्त्रियों के लिए वह आगे भी काम करना चाहती हैं। उनकी यह प्रयास हमेशा जारी रहेगी।