उत्तराखण्ड

जानिए क्यों रिश्तेदारी में आड़े आ सकता है UCC…

देहरादून: उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता कानून में एक प्रावधान ऐसा भी है, जो शादी और तलाक से संबंधित कहा जा रहा है, जिसमें रिश्तेदारी में शादी कर जिक्र भी किया गया है यह प्रावधान मुसलमान समुदाय में रिश्तेदारी में होने वाले शादी की परंपरा और चलन में तब आड़े आ जाएगा, जबकि संबंधित रिवाज और चलन को सार्वजनिक नीति और नैतिकता के खिलाफ माना जाए UCC लागू करने की दिशा में पहला राज्य बनने वाले उत्तराखंड के विधानसभा में समान नागरिक संहिता के विधेयक पर अब भी चर्चा की जा रही है

सुप्रीम न्यायालय के वकील ज्ञानंत सिंह ने इस बारें में कहा है कि मुसलमान समुदाय में करीबी रिश्तेदारी में शादियां होती हैं और विधेयक के मसौदे में भी यह साफ है कि यदि रिवाज और चलन में स्वीकृति है तो शादी भी कर सकते है, लेकिन अगली लाइन में कहा है कि ऐसे रीति-रिवाज या परंपरा और चलन सार्वजनिक नीति और नैतिकता के खिलाफ नहीं होने चाहिए

करीबी रिश्तेदारी में शादी के आड़े आएगा UCC: इस बारें में  सिंह ने कहा है कि यदि समुदाय विशेष से ऐसे रिवाज के खिलाफ उठती है तो फिर UCC इसके आड़े आ सकता है चैप्टर-1 में दिए गए चौथे बिन्दु के सीधे तौर पर कोई निहितार्थ नहीं निकल जाते है कि यदि किसी समुदाय में करीबी रिश्तेदारी में शादी नहीं किया जा सकता यह भी है कि कब तक समुदाय इस रिवाज को स्वीकार भी कर सकता है

कानूनविद् अभिषेक राय ने कहा है कि ऐसा अनुमान गलत नहीं होगा कि करीबी रिश्तेदारी में शादी के आड़े UCC आ सकता है जिन धर्मों में पहले से करीबी रिश्तेदारी में शादी प्रतिबंधित है, उनके लिए तो कानून प्रावधान यह साफ तौर पर है, लेकिन जहां ऐसा नहीं है और इसको लेकर प्रश्न उठ रहे हैं या फिर विरोध हो रहा है तो UCC के जरिए रोक लगायी जा सकती है

सभी धर्मों को मुनासिब प्रक्रिया में लाने का प्रावधान: अपनी बात को जारी रखते हुए है राय ने बोलै है कि UCC  किसी एक धर्म के लिए नहीं है, बल्कि सभी धर्मों को मुनासिब प्रक्रिया में लाने का प्रावधान भी कहा जा रहा है ऐसे में यह देखा जाएगा कि मुनासिब प्रक्रिया, परंपरा, रीति रिवाज, रस्म या फिर चलन क्या है, क्योंकि साफ तौर पर यह कहा गया है कि कोई भी रिवाज या चलन सार्वजनिक नीति या नैतिकता के खिलाफ नहीं हो सकता

सुप्रीम न्यायालय के वकील अश्विनी उपाध्याय  के मुताबिक भारतीय दंड संहिता के तर्ज पर राष्ट्र के सभी नागरिकों के लिए एक भारतीय नागरिक संहिता लागू होने से सैकड़ों जटिल, बेकार और पुराने रीति रिवाजों से मुक्ति  भी मिल सकती है ऐसे में UCC लागू होने पर ही यह साफ तौर पर सामने आएगा कि करीबी रिश्तेदारी में शादी में प्रतिबंध की अवधारणा क्या होने वाली है? लेकिन यह बोलना गलत नहीं होगा कि इस छुपे हुए प्रश्न पर कानून की नजर पड़ चुकी है

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