पीएम मोदी ने ‘वेडिंग इन उत्तराखंड’ और श्री बद्रीनाथ केदारनाथ टेंपल कमेटी ने कसी कमर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वेडिंग इन उत्तराखंड’ का असर दिखने लगा है। श्री बद्रीनाथ केदारनाथ टेंपल कमेटी (BKTC) ने कमर कस दी है। वो अब बड़े धार्मिक स्थलों को वेडिंग डेस्टीनेशन बना रही है जो ईश्वर से जुड़े हैं। शिव-पार्वती के शादी स्थल, केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दी स्थल, उषा-अनिरुद्ध के शादी स्थल और ओंकारेश्वर मंदिर सहित कुछ ऐसी ही ऐतिहासिक और धार्मिक लोकेशंस को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाया जा रहा है।
श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ईश्वर शिव पार्वती के शादी स्थल त्रिजुगीनारायण मंदिर के बाद ओंकारेश्वर मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित कर रही है। उखीमठ में स्थित ये मंदिर शिव भक्त बाणासुर की बेटी उषा और ईश्वर कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का शादी स्थल है। इसके लिए शांतिकुंज हरिद्वार की तर्ज पर वैवाहिक नियमावली बनाई गई है।
पहाड़ी रीति-रिवाज से शादी
वेडिंग डेस्टिनेशन बनने के बाद इन दोनों पौराणिक स्थलों पर शादी उत्तराखंडी रीति रिवाज के मुताबिक कराए जाएंगे। क्षेत्रीय स्त्रियों को मंगल गीत गाने, मंगल जगह करने और पहाड़ के पारंपरिक रेसिपी बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। विवाह के लिए मंदिर समिति के पास ही रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
पीएम ने दी थी सलाह
पिछले वर्ष दिसंबर में देहरादून में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान पीएम मोदी ने उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया था। इसके बाद मंदिर समिति ने अपने अधीन आने वाले मंदिरों में इसकी आरंभ कर दी है। सबसे पहले शिव-पार्वती के शादी स्थल त्रियुगीनारायण की तर्ज पर ही उषा- अनिरुद्ध के शादी स्थल को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
शादी के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू
मान्यताओं के अनुसार, उषा-अनिरुद्ध ने ओंकारेश्वर मंदिर में सात फेरे लिए थे। इसका प्रमाण मंदिर के पास वह शादी मंडप है, जिसमें उन्होंने सात फेरे लिए थे। इन दोनों स्थानों पर विभाग के लिए मंदिर समिति ने वकायदा रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ कर दिए हैं। मंदिर समिति सभी पौराणिक मंदिरों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है।
सभी मंदिर वेटिंग डेस्टिनेशन
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय अजेंद्र ने कहा शांतिकुंज हरिद्वार की तर्ज पर वैवाहिक नियमावली बनाई गई है। ओंकारेश्वर मंदिर में 5 करोड़ रुपये की लागत से विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। उषा अनिरुद्ध के शादी मंडप को भी विकसित किया जा रहा है। जो प्रेम के प्रतीक माने जाते हैं। उन्होंने कहा पहले चरण में ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में टेंपल प्लाजा, एडमिन बिल्डिंग और वर्तमान प्रशासनिक भवन का विकास किया जाएगा। उसके बाद दूसरे फेज़ में मंदिर के कोठा भवन, उषा अनिरुद्ध शादी मंडप का काम प्रारम्भ किया जाएगा