उत्तराखण्ड

इस चुनाव में बदली सियासी तस्वीर, CM से लेकर इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर…

नैनीताल सीट पर हुए लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 7,72,195 और कांग्रेस पार्टी को 4,33,099 वोट मिले थे. सभी 14 विधानसभाओं में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी का रुद्रपुर सीट पर सबसे अधिक जीत का अंतर 59,183 रहा था और सबसे कम जीत का अंतर हल्द्वानी विधानसभा में 2661 वोटों का रहा था. उस समय चुनाव में मुकाबला बीजेपी से अजय भट्ट और कांग्रेस पार्टी से हरीश रावत के बीच था.

इस चुनाव में बदली राजनीतिक तस्वीर के बीच दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगने जा रही है. पिछले चुनाव में विधायक रहकर अजय भट्ट को चुनाव लड़ाने वाले पुष्कर सिंह धामी इस बार प्रदेश के मुखिया हैं. नैनीताल सहित उनके पास पांचों सीटों का जिम्मा है लेकिन नैनीताल सीट पर प्रतिष्ठा अधिक ही दांव पर है. इस सीट पर शामिल खटीमा विधानसभा उनका गृहक्षेत्र है और वहां से वे दो बार विधायक रह चुके हैं. खटीमा विधानसभा से विधायक और उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी पर भी अपनी विधानसभा में जीत की बढ़त के साथ ही लोकसभा में जीत दिलाने का जिम्मा भी होगा.

 

नेता प्रतिपक्ष और बाजपुर विधायक यशपाल आर्य के पास वैसे तो प्रदेश की जिम्मेदारी रहेगी. अपनी लंबी राजनीतिक पारी में वे लोकसभा की विभिन्न विधानसभाओं का अगुवाई कर चुके हैं. लिहाजा कांग्रेस पार्टी के साथ ही कार्यकर्ताओं के लिए भी वे बड़ी आशा हैं. इसके साथ ही सितारगंज विधायक और कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की प्रतिष्ठा भी इस सीट से सीधे जुड़ी हुई है. इसके अतिरिक्त बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट के सामने दूसरी जीत और पार्टी के लिए हैट्रिक बनाने का लक्ष्य है. कांग्रेस पार्टी से अभी प्रत्याशी फाइनल नहीं होने से कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं बढ़ पा रहा है.

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