महिलाओं ने आबकारी विभाग की घरेलू बार लाइसेंस व्यवस्था का विरोध की शुरू
घरेलू बार लाइसेंस का विरोध होने पर आबकारी विभाग को इस प्रबंध पर रोक लगानी पड़ी। इस संबंध में बुधवार को आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल की ओर से रोक के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पिछले दिनों देहरादून में एक आदमी को घरेलू बार लाइसेंस जारी किया गया था। इसके बाद स्त्रियों ने आबकारी विभाग की इस प्रबंध का विरोध प्रारम्भ कर दिया।
इस साल की आबकारी नीति में घरेलू बार लाइसेंस की प्रबंध की गई थी। इसके अनुसार बार लाइसेंस लेने वाले को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष लाइसेंस फीस के तौर पर आबकारी विभाग को चुकाने होते थे। इसके बाद वह घर में 50 लीटर तक शराब रख सकता था। इनमें भी वर्गीकरण किया था।
कुछ वर्गों और स्त्रियों ने शुरू किया विरोध
इसके अनुसार नौ लीटर हिंदुस्तान में निर्मित अंग्रेजी शराब, नौ लीटर आयातित शराब, 18 लीटर वाइन और 15.6 लीटर बीयर रखने की अनुमति दी गई थी। इस प्रबंध के अनुसार कुछ शौकीन लोग काफी रूचि भी दिखा रहे थे। इन्हीं में से एक को पिछले दिनों एक बार लाइसेंस जारी भी किया गया।
लेकिन, इसका कुछ वर्गों और स्त्रियों ने विरोध प्रारम्भ कर दिया। इसके बाद आबकारी विभाग को इस प्रबंध पर रोक लगाने का फैसला लेना पड़ा। संयुक्त आयुक्त आबकारी बीएस चौहान ने कहा कि आयुक्त हरिचंद सेमवाल ने बुधवार को आदेश जारी किए हैं।
फिलहाल इस प्रबंध पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। बता दें प्रदेश में कोई भी आदमी सिर्फ़ नौ लीटर शराब का परिवहन कर सकता है। जबकि, घर में भी इससे अधिक शराब रखना आबकारी अधिनियम के खिलाफ है। उसके विरुद्ध आबकारी अधिनियम में कार्रवाई की जाती है।