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जमीन में खुदाई के दौरान वैज्ञान‍िकों को मिला ऐसा कंकाल जो 1000 साल पहले हुई है कॉस्‍मेटिक सर्जरी

धरती के गर्भ में अनग‍िनत रहस्‍य छुपे हुए हैं जैसे ही हमें लगता है क‍ि हम बहुत आगे की चीजें तलाश आए हैं, तभी इस गर्भ से कुछ ऐसा न‍िकल जाता है क‍ि सारे दावों पर पानी फेर देता है ऐसा ही कुछ इस बार भी हुआ है यदि आपसे पूछा जाए क‍ि कॉस्‍मेटिक सर्जरी या प्‍लास्टिक सर्जरी की आरंभ कब हुई, तो शायद आपका उत्तर होगा क‍ि चंद वर्ष पहले लेकिन स्‍वीडन में खुदाई के दौरान वैज्ञान‍िकों को कुछ ऐसे कंकाल म‍िले हैं, ज‍िनसे साबित होता है क‍ि आज से 1000 वर्ष पहले भी कॉस्‍मेटिक सर्जरी होती थी

चौंक‍िए मत, यह सच है मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी के साइंटिस्‍ट की टीम को स्‍वीडन में एक पुरातत्‍वस्‍थल से तीन लंबी खोपड़ियां म‍िली हैं इनसे पता चलता है क‍ि 1000 वर्ष पहले वाइक‍िंंग युग की मह‍िलाओं को कॉस्मेटिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था ये खोपड़ियां काफी नरम और लचीली थीं इससे ये भी साबित होता है क‍ि ये कम उम्र की मह‍िलाओं की रही होंगी वैज्ञान‍िकों का मानना है क‍ि शायद सुंदरता बढ़ाने के ल‍िए उस युग की मह‍िलाओं ने इस तरह की सर्जरी करवाई हो, ताकि उनकी खोपड़ी को लंबा क‍िया जा सके

मह‍िलाओं की खोपड़ी बचपन में ही बदली गई
वैसे तो इससे पहले भी सर्जरी को लेकर कई प्रमाण मिले हैं, लेकिन पहली बार वाइक‍िंंग युग की मह‍िलाओं में कॉस्‍मेटिक सर्जरी के साक्ष्‍य बताते हैं क‍ि तब साइंस आज के मुकाबले क‍ितना समृद्ध रहा होगा शोधकर्ताओं की टीम के प्रमुख मैथ‍ियास टॉपलाक ने एटलस ऑब्‍स्‍कुरा से कहा, हम नहीं जानते क‍ि ये तीनों मह‍िलाएं कहां की रहने वाली थीं कहां पली-बढ़ीं और उनके सिर में ये सर्जरी कहां की गई लेकिन एक बात तो 100 प्रतिशत सच है क‍ि उस वक्‍त भी कॉस्‍मेटिक सर्जरी की प्रक्रिया होती थी कंकालों से साफ पता चलता है क‍ि मह‍िलाओं की खोपड़ी बचपन में ही बदली गई, जब उनके सिर की हड्ड‍ियां पर्याप्‍त नरम थीं सिर को लंबा करने के लिए शिशु के सिर के चारों ओर पट्टियां लपेटकर रखी जाती थीं

सुंदर माने जाते हैं लंबे सिर वाले लोग
बाल च‍िक‍ित्‍सा प्‍लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख जेसी गोल्‍डस्‍टीन का मानना है क‍ि शायद यह विध्वंसक रहा होगा क्‍योंक‍ि यदि ये तरीका अपनाया गया होगा, तो इसका ब्रेन के कामकाज पर नेगेटिव इंपैक्‍ट पड़ सकता था खासकर यदि क‍िसी बच्‍चे के साथ ऐसा क‍िया गया हो हालांक‍ि, अन्‍य शोधकर्ता ऐसा नहीं मानते उनका बोलना है क‍ि लंबे सिर वाले लोग अधिक सुंदर नजर आते हैं उन्‍हें ज्ञानवान भी समझा जाता है यह आज से नहीं, लंबे वक्‍त से चला आ रहा है शायद उसी वक्‍त से यह सोच रही हो प्रशांत क्षेत्र के द्वीप वानुआतु में लोग ज‍िस देवता की पूजा करते थे, उनकी खोपड़ी और नाक लंबे-लंबे थे ऑस्‍ट्रेल‍िया में भी यह सोच काफी पुरानी है

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