रांची पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र में हुए संजय पाहन मर्डर केस का किया खुलासा
रांची। रांची पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र में हुए संजय पाहन हत्या मुकदमा का खुलासा कर लिया है। पुलिस ने इस मुकदमा में 8 आरोपियों को अरैस्ट किया है। अरैस्ट आरोपियों मे संजय की पत्नी भी शामिल है, जिसने अपने भाई और चाचा की सहायता से मर्डर की षड्यंत्र रची थी। इसके एवज में प्रोफेशनल क्रिमिनल्स को भी सुपारी दी गई थी। मुद्दे के सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं तो वहीं मर्डर में इस्तेमाल किए गए हथियार भी पुलिस ने बरामद किए हैं।
पत्नी का संदेह संजय पाहन के लिए मृत्यु का सबब बन गया
30 नवंबर की काली रात संजय पाहन के लिए काल बनकर आई। दरअसल जब अपनी प्रेमिका से मिलकर संजय पाहन जब अपने घर पहुंचा तो मृत्यु उसका इन्तजार उसके आंगन में ही कर रही थी। जैसे ही वो अपने परिसर में दाखिल हुआ उस पर हथौड़े से वार किया गया, जिससे वो घायल हो गया। अपनी जान बचाने के लिए वो भागा जरूर लेकिन उसे गोली मार दी गई, जिसमें उसकी मृत्यु हो गई। मुद्दे की जानकारी देते हुए रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि इस मर्डर की षड्यंत्र उसकी पत्नी सोलो देवी ने भाई कमरू नाग और चाचा मानवेल खलखो के साथ मिलकर रची थी।
आरोपियों ने संजय की मर्डर के लिए आशीष नेपाली से संपर्क कर उसे सुपारी दी। बतौर पेशगी साढ़े 4 लाख रूपए आशीष को दिए गए, जिसके बाद आशीष नेपाली ने अपने सहयोगियों सूरज कुमार ठाकुर, धनेश्वर भगत, दाऊद एक्का और अजहर अंसारी की सहायता से इस पूरी घटना को अंजाम दिया। इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस के हाथ एक तुरूप का इक्का लगा। दरअसल जब संजय अपने घर जा रहा था ठीक उसी वक़्त वो मोबाइल पर अपनी प्रेमिका से भी बात कर रहा था।
प्रेमिका के मोबाइल मे कॉल रिकार्ड हो रहा था, जिस कारण जब संजय पर धावा किया गया तो उसकी आवाज भी प्रेमिका तक गई वहीं इस दौरान संजय ने एक नाम का भी जिक्र किया, जिसके आधार पर ही पुलिस ने इस पूरे मुद्दे की गुत्थी सुलझा ली।
पुलिस के अनुसार इस हत्याकांड में पत्नी की किरदार प्रारम्भ से ही शक के घेरे मे थी क्योंकि वो संजय की मृत्यु का एफआईआर तक दर्ज नहीं करवा रही थी बल्कि मृत्यु को दुर्घटना बता रही थी। अरैस्ट आरोपियों में आशीष नेपाली सूरज कुमार और धनेश्वर भगत का आपराधिक इतिहास रहा है।