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2 वर्षीय राजेंद्र भगत ने ऐसी तपस्या शुरू की जिसके बारे में जानकर आप रह जाएंगे हैरान

 फतेहाबाद जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर गांव भूथनकलां में गांव के ही रहने वाले 52 वर्षीय राजेंद्र भगत ने ऐसी तपस्या प्रारम्भ की जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगेयकीन करना कठिन है लेकिन राजेंद्र ऐसी कड़ी तपस्या कर रहे हैं जिसके बारे में सोचना तक भी कठिन है राजेंद्र भगत पिछले 15 अगस्त से अब तक दोनों पैरों पर खड़े होकर तपस्या कर रहा हैऐसी तपस्या हर कोई आदमी नहीं कर सकता राजेंद्र भगत ने कहा कि गांव में सुख,समृद्धि और गांव में शांति रहे और कोई रोग का प्रकोप न आये इसलिए उन्होंने ठान लिया की गांव में बनी दादा पुरखा राम की प्राचीन कुटिया में एक पेड़ के नीचे 41 दिन तक खड़ा रहेगा और दादा पुरखा राम जी की भक्ति करके गांव में सुख समृद्धि आएगी

हालांकि इस खड़ी तपस्या के कारण उसके दोनों पैरों में सूजन अवश्य आ गई है लेकिन अपनी इस खड़ी तपस्या पर उससे कोई असर नहीं है राजेंद्र भगत कुटिया में एक पेड़ के नीचे ही दिन-रात खड़ा रहता है और खाना तक नहीं खातादिन केवल दो बार चाय और शाम को दो चमच सब्जी खा कर ही खड़ा रहता है और भोजन की मांग कभी नहीं करताएक ही जगह पर अपने दोनों पैर पर खड़े होकर दादा पुरखा राम जी की आराधना में लीन हैंपेड़ के नीचे एक रस्सी के झूले के सहारे खड़े होकर बारिश की मार भी सहते हुए अपनी तपस्या में रहता हैअपनी तपस्थली से वह मात्र शौच के लिए ही कुछ समय के लिए हटता है

अटूट श्रद्धा से मिलती है तपस्या की शक्ति
गांव के ही रामसिंह का मानना है कि राजेंद्र भगत की ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा है जो उसकी शक्ति भी है,तभी तो अभी तक अपनी तपस्या से वह विचलित नहीं हुआरामसिंह ने कहा की राजेंद्र भगत पिछले कई वर्षो से ऐसी तपस्या कर रहा हैउन्होंने कहा कि ज़ब 41 दिन की खड़ी तपस्या पूरी हो जाएगी उस दिन गांव के योगदान से इस कुटिया में बड़ा भंडारा लगाया जायेगा जिसमें पूरा गांव शामिल होगा

 

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