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सिर से जुड़े भाई-बहन 62 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

World Oldest Conjoined Twins Passed Away: सिर से जुड़े भाई-बहन की मृत्यु हो गई है. उन्होंने 62 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. हालांकि उनकी मृत्यु का कारण अभी सामने नहीं है, लेकिन दुनिया के सबसे उम्रदराज जुड़वां भाई-बहन लॉरी शापेल और जॉर्ज शापेल ने रविवार की सुबह अमेरिका के पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल में दम तोड़ा. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक, 2007 में दोनों के बारे में दुनिया को पता चला, जब वे बड़े हो गए. दोनों अब तक की दूसरी सबसे उम्रदराज और एक दूसरे से जुड़ी जुड़वां बहनों से 9 वर्ष बड़े थे.

एक रोग से पीड़ित, दूसरी चलने में सक्षम

टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्ज-लॉरी का जन्म 18 सितंबर 1961 को पेंसिल्वेनिया में ही हुआ था. उनके सिर एक दूसरे जुड़े हुए हैं. उनके दिमाग और नसों का 30% हिस्सा एक है. लॉरी चलने में सक्षम थी, लेकिन जॉर्ज उससे हाइट में 4 इंच छोटा था, लेकिन वह स्पाइना बिफिडा नामक रोग से पीड़ित था. वह व्हीलचेयर पर रहता था, जिसे लॉरी धक्का देकर अपने साथ इधर-उधर ले जाती थी. दोनों के परिवार में उनके पिता, 6 भाई-बहन, भतीजे-भतीजियां, दोस्त, सम्बन्धी हैं, लेकिन दोनों की बदकिस्मती यह रही कि उन्हें मां-बाप ने अपने साथ कभी नहीं रखा.

अलग-अलग पसंद, विचार और व्यवहार

1997 में एक डॉक्यूमेंट्री में दोनों को दिखाया गया था, जिसमें दोनों ने कहा था कि वे जीवन का हर पाल साथ बिताते हैं और बिताते रहेंगे, क्योंकि उन्हें अलग करने के सर्जरी संभव नहीं है. डॉक्टर्स कहते हैं कि सर्जरी का रिस्क लिया तो एक की या दोनों की जान जा सकती है, लेकिन वे एक दूसरे को खोना नहीं चाहते, इसलिए उन्होंने सर्जरी नहीं कराई. दोनों की पसंद, रुचियां, व्यवहार, सोच, शौक सब अलग हैं. दोनों भिन्न-भिन्न समय पर नहाते थे. जॉर्ज को म्यूजिक का शौक था तो उसने पूरे विश्व में कई म्यूजिक कंसर्ट किए. वहीं लॉरी ने हॉस्पिटल के लॉन्ड्रोमैट में भी काम किया.

24 वर्ष मेंटल हॉस्पिटल में बिताए

एक साक्षात्कार में दोनों ने खुलासा किया कि उन्होंने 24 वर्ष की उम्र में अपना स्वयं का घर बना लिया था. उनके पेंसिल्वेनिया में स्थित अपार्टमेंट में दोनों के लिए भिन्न-भिन्न कमरे थे. जिसका जब दिल करता था, वह अपने कमरे में समय बिताता था और दूसरे को उसके साथ रहना पड़ता था. उन्होंने अपनी जीवन के 24 वर्ष मेंटल हॉस्पिटल में बिताए, क्योंकि मां-बाप ने साथ नहीं रखा. डॉक्टरों ने उनके 30 साल से अधिक जीवित रहने की आशा नहीं जताई थी, लेकिन उन्होंने कभी भी एक दूसरे से अलग होने की ख़्वाहिश जाहिर नहीं की और एक दूसरे से काफी लगाव रखते थे.

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