सुदूर अंतरिक्ष में मिला पृथ्वी जैसा ग्रह, चंद्रमा की तरह चमकता हुआ आया नजर
साइंटिस्ट सालों से ऐसे ग्रह की तलाश कर रहे हैं, जो पृथ्वी की तरह हो। यानी जहां जीवन की आसार हो। लेकिन अभी तक कोई भी ऐसा ग्रह उन्हें नहीं मिला। हां, कुछ ग्रह ऐसे जरूर तलाशे गए हैं, जहां जीवन की आसार हो सकती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सुदूर अंतरिक्ष में एक ऐसे ही ग्रह की तलाश की है। यह देखने में बिल्कुल धरती की तरह नजर आता है। चंद्रमा की तरह चमकता हुआ दिखता है, लेकिन इसका कोई वायुमंडल नहीं है। इसलिए ये दावा तो कोरा साबित होता है कि यहां जीवन की आसार है।
नासा (NASA) के स्पेस टेलीस्कोप ने ट्रैपिस्ट-1 नामक तारे की परिक्रमा कर रहे कई चट्टानी एक्सोप्लैनेट की खोज की थी। लेकिन अब, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने तारे की परिक्रमा करने वाले चट्टानी एक्सोप्लैनेट में से एक का तापमान मापने में कामयाबी हासिल कर ली है। पता चला कि TRAPPIST-1b के नाम से जाना जाने वाला यह ग्रह चमकता जरूर है, लेकिन इससे ऐसा प्रकाश नहीं निकलता, जिससे यह रोशनी फैलाए। इसकी चमक एक खास वजह से है।
ग्रह का तापमान लगभग 230 डिग्री सेल्सियस
रिसर्च के सह-लेखक डाक्टर पियरे-ओलिवियर लागेज ने कहा, यह पहली बार है जब हमने किसी चट्टानी ग्रह के उत्सर्जन का पता लगाया है। यह महत्वपूर्ण कदम है। हमने पाया कि TRAPPIST-1b अत्यधिक गर्म है। इसका तापमान लगभग 230 डिग्री सेल्सियस है। एक तरह से समझिए कि ओवन के तापमान के आसपास इससे उष्मा निकलती है। नासा ने कहा, भले ही इसका वायुमंडल न हो, लेकिन यह ग्रह हमारे सौर मंडल के चट्टानी ग्रहों जितना छोटा और प्रकाश प्राप्त करने वाला ग्रह हो सकता है
यहां मनुष्य निवास नहीं कर सकते
नासा के खगोल वैज्ञानिक रिसर्च टीम के प्रमुख डाक्टर थॉमस ग्रीन ने कहा, किसी भी दूरबीन से ऐसी रोशनी अब तक नहीं मापी गई। इससे हम पता लगा पाएंगे कि क्या इस ग्रह पर कभी जीवन रहा है या नहीं। इसके आसपास सात और ग्रह नजर आते हैं, जो ठंडे हैं और आशा जगाते हैं। TRAPPIST-1 b सबसे भीतरी ग्रह है और पृथ्वी को सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा से लगभग चार गुना अधिक ऊर्जा प्राप्त करता है। हालांकि, अभी जो तापमान मिला है, उससे एक बात तो साबित हो गई कि यह ग्रह उन ग्रहों की सूची में शामिल हो गया है, जहां मनुष्य निवास नहीं कर सकते