बिहार

अररिया लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को नामांकन का अंतिम दिन

मीडिया न्यूज| अररिया. अररिया लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को नामांकन का आखिरी दिन है. गुरुवार को राजद उम्मीदवार के रूप में बिहार गवर्नमेंट के पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री और जोकीहाट के विधायक शाहनवाज आलम नामांकन करेंगे. उनके नामांकन में शामिल होने के लिए बिहार गवर्नमेंट के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी पहुंच रहे हैं. जानकार बताते हैं कि अररिया में राजद की राह सरल नहीं है. ऐसा इसलिए भी बोला जा रहा है कि राजद की ओर से उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद से ही राजद दो फाड़ में दिख रहा है. महागठबंधन से जुड़े हुए दलों के कई नेता या तो पार्टी छोड़ रहे हैं या फिर दूसरे दल का दामन भी थम रहे हैं. कांग्रेस पार्टी नेता और पूर्व स्त्री सेल जिला अध्यक्ष सुशीला देवी भी बीजेपी का दामन थाम चुकी है जबकि दो दिन पहले भी राजद के कई प्रखंड अध्यक्ष कई मोर्चे के नेता भी पार्टी छोड़ चुके हैं. यही नहीं राजद की टिकट से वंचित पूर्व सांसद सरफराज आलम के द्वारा आहूत कार्यकर्ताओं की बैठक में भी कई वरिष्ठ राजद के नेता भी दिखे. अब तो खेल और दिलचस्प होने वाला है. सिकटी विधानसभा से 2020 में राजद की टिकट पर चुनाव लड़ चुके उम्मीदवार चिकित्सक शत्रुघ्न मंडल भी निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. नामांकन शुल्क रसीद भी उनके नाम का कट गया है. बता दें की शत्रुघ्न मंडल के पिताजी मुरलीधर मंडल कई बार निर्दलीय चुनाव लड़े. लेकिन बाद में उन्हें सिकटी विधानसभा से दो बार विधायक बनने का मौका लगा. लोकसभा चुनाव टिकट के दावेदारों में शाहनवाज आलम के अतिरिक्त शत्रुघ्न मंडल और सरफराज आलम का नाम भी चल रहा था. टिकट लेने में छोटे भाई शाहनवाज ने अपने बड़े भाई सरफराज को मात दी. शत्रुघ्न के पिताजी वंचित मुक्ति मोर्चा से जुड़े थे. शत्रुघ्न मंडल भी इस मोर्चा से जुड़े हैं. कुछ दिन पहले मोर्चा की बैठक में भी यह फैसला हुआ था. अब तो गुरुवार को होने वाले नामांकन सभा पर सबकी नजर टिकी है. दरअसल नामांकन में तेजस्वी यादव आ रहे हैं. यदि मंच पर पूर्व सांसद और टिकट कटने से नाराज चल रहे पूर्व सांसद सरफराज आलम मंच पर दिखाई देते हैं तब तो राजद यह कह सकता है कि अब ठीक है. यदि सरफराज आलम नहीं आते हैं तो फिर निश्चित रूप से पार्टी के कार्यकर्ता दो भाग में बंटे हुए देखेंगे. सरफराज आलम के कार्यकर्ता किधर जाएंगे यह तो आने वाला समय बताएगा. लेकिन शत्रुघ्न मंडल के दावेदारी ने न केवल राजद में बल्कि बीजेपी को भी परेशान कर सकता है. वंचित मुक्ति मोर्चा के नेता हैं शत्रुघ्न

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