भागलपुर की शिक्षिका स्वाति चौधरी अनोखे अंदाज में बच्चों की करा रही पढाई
भागलपुर। बच्चों को पढ़ने से अधिक खेलने में मन लगता है। लेकिन जब खेल ही पढ़ाई का माध्यम बन जाए तो बच्चों में पढ़ने की रुचि जग जाती है। ऐसे में ही भागलपुर की एक शिक्षिका ने पढ़ाई का कुछ ऐसा अनोखा अंदाज अपनाया की धीरे-धीरे बच्चों की उपस्थिति में भी वृद्धि हो गई। दरअसल, आपको बता दें कि भागलपुर शहर के बाजार स्थित सारो साहुन कन्या मध्य विद्यालय में शिक्षिका स्वाति चौधरी अनोखे अंदाज में बच्चों को पढ़ा रही हैं। शारिरिक गतिविधि कर स्वयं बच्चा बनकर उन्हें आकृतियां सीखा रही हैं। त्रिभुज और चतुर्भुज किस तरह का होता है। साथ ही कविताओं के विलोम शब्द को, दिशा को नृत्य के माध्यम से बच्चों को बता रही है।
Local 18 से बात करते हुए शिक्षिका स्वाति ने कहा कि बच्चों को यदि उसकी भाषा यानी खेल के माध्यम से पढ़ाया जाए, तो वो पढ़ाई के बदले इसे खेल समझेंगे और ऐसे में वो सिख भी लेंगे। इसलिए पढ़ाई का ये तरीका अपनाया गया है। बच्चे मस्ती में पढ़ाई भी अधिक करते हैं। ऐसे में स्वाति ने कहा कि बच्चों पर अनुकूल असर पड़ा है। बच्चे पहले से अधिक की संख्या में विद्यालय पहुंच रहे हैं। उन्हें पढ़ने में काफी मन लग रहा है। शिक्षिका के पढ़ाने के अंदाज ने बच्चों को लुभाया है। शिक्षिका के साथ-साथ विद्यालय के प्रिंसिपल भी बच्चों को उसी अंदाज में पढ़ा रहे हैं और इस मस्ती की पाठशाला में बच्चे लगन से सीखते नजर आ रहे हैं।
प्रैक्टिकल के माध्यम से अधिक सीखते हैं बच्चे
वहीं प्रिंसीपल विभाष कुमार ने कहा कि बच्चों को प्रैक्टिकल के माध्यम से पढ़ाई कराया जाए तो उसमें सीखने की क्षमता और अधिक होती है। किसी भी चीज को एक बार मे जल्द ही सीख लेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को खेल के माध्यम से पढ़ाई करने में आनंद आता है।