भागलपुर में यूपीएससी की तैयारी कर रही अनायशा की एक तस्वीर हुई वायरल

भागलपुर में यूपीएससी की तैयारी कर रही अनायशा की एक तस्वीर हुई वायरल

भागलपुर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जहां ग्रेजुएट दीदी अनायसा विहारी की पाठशाला प्रतिदिन शाम के 4 बजे 7 बजे तक यूनिवर्सिटी के नजदीक भूतनाथ मंदिर परिसर में लगती है. खुले आसमान के नीचे स्ट्रीट लाइट के नीचे स्लम से आए दर्जनों बच्चें रोजाना ग्रेजुएट दीदी से पढ़ने आते हैं. दरअसल कुछ माह पहले अनायसा विहारी भूतनाथ मंदिर में पूजा करने के लिए आयी थी. पूजा कर जब मंदिर से बाहर निकली तो मंदिर के बाहर प्रसाद लेने के लिए बच्चों की भीड़ जुट गई. और बच्चे उस समय ही अपनी टीचर दीदी काफ़ी निकट हो गए.

टीचर को जब पता चला कि यह सारे बच्चे स्लम बस्ती के हैं, सभी बच्चों के घर की आर्थिक स्थिति दयनीय है. और इनके माता पिता बच्चों को पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं जिस कारण बच्चे विद्यालय पढ़ने नहीं जा पाते. फिर क्या था अनायसा विहारी ने स्लम बस्ती के बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने का निर्णय किया. रोजाना बच्चों की क्लास लेने में लग गई. बच्चों के ग्रेजुएट दीदी अब उन्हें पढ़ा लिखा कर योग्य बनाना चाहती है उल्लेखनीय हो की ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई कर चूक अनायशा विहारी मूल रूप से बांका जिले के ककबारा गांव की रहने वाली है.

डॉक्टर और पुलिस अधिकारी बनने का है सपना

विगत सालों से भागलपुर में किराए पर रहकर पढ़ाई कर रही है. अनायशा वर्तमान में यूपीएससी की तैयारी कर रही है और वह सिविल सेवा में जाकर आम जनमानस की सहायता करना चाहती है. पिता उमेश प्रसाद सिंह व्यपारी हैं. वही तकरीबन एक महीने से स्लम बसती के बच्चों को शिक्षित करने में जुटी हैं. आपको बता दें ग्रेजुएट दीदी अपने बच्चों के पढ़ाई के प्रति इतनी सजग हैं कि बच्चों को स्लेट चौक पेंसिल वगैरह स्वयं ही उपलब्ध कराती है. निःशुल्क शिक्षा से बच्चे ही नहीं स्लम इलाकों के बड़ी लड़कियां जो कि आज तक विद्यालय नहीं गई थी वह भी दीदी की पाठशाला में पढ़ने के लिए आने लगी है. दीदी की पढ़ाई के नुस्खे से बच्चे काफी अधिक उत्साहित होते हैं जो बच्चे बच्चियां कभी विद्यालय का चेहरा तक ना देखी हो अपनी दीदी के दिए गए ज्ञान से अब चिकित्सक और पुलिस अफसर बनना चाहते हैं.