इस मामले में टॉप 20 में छठे नंबर पर है आरा जंक्शन
आरा को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि मिली है। पूर्व मध्य रेलवे के टॉप 20 स्टेशनों में आरा भी शामिल हो गया है। इसने कई चर्चित स्टेशनों को पीछे छोड़ दिया है। 15 फरवरी 2023 से 15 फरवरी 2024 यानी बीते एक वर्ष के आंकड़े के आधार पर पूमरे ने एक आरटीआई के उत्तर में ये जानकारी दी है।
एक्टिविस्ट रवि प्रकाश सूरज ने आरटीआई लगाई थी। इसमें पूछा था कि आरा से कितनी टिकट बुक हुईं। जो उत्तर मिला उसमें कहा गया कि इस अवधि में पटना टॉप पर है। यहां से 330940 आरक्षित टिकटें बुक हुईं। दूसरे नंबर पर धनबाद, तीसरे पर गया, चौथे पर मुजफ्फरपुर, पांचवें पर राजेंद्र नगर और इसके बाद छठे नंबर पर आरा 152777 टिकटों के साथ है। यह आंकड़ा टिकटों से हुई आमदनी का नहीं बल्कि कुल बुक हुई टिकटों का है।
आमदनी में 10 नंबरी
एक्टिविस्ट राजेश कुमार और श्याम सुंदर से मिली जानकारी के मुताबिक आरा से टिकटों की बुकिंग और कुल आय में खासा अंतर है। आय के मुद्दे में आरा 10 वें जगह के आसपास है। इसका कारण यह है कि आरा को आश्वासनों के बावजूद अब तक लम्बी दूरी की कोई सीधी ट्रेन नहीं मिली। स्टॉपेज वाली कई लोकप्रिय ट्रेनों में आरा के लिए सामान्य कोटे की बजाय रिमोट लोकेशन अथवा पूल्ड कोटे में नाममात्र की सीटें हैं। वो बताते हैं बीते समय सम्पूर्ण क्रांति का स्टॉपेज मिला लेकिन दिल्ली से आरा के लिए स्लीपर में 10, थर्ड इकॉनमी में 8, थर्ड एसी में 10, सेकंड और फर्स्ट एसी में 4 सीटें ही हैं। लगभग ऐसा ही हाल मगध, श्रमजीवी और पूर्वा एक्सप्रेस का है। विडंबना यह है हावड़ा के लिए कोविड-19 के समय चार ट्रेन बंद हो गयी थीं। उसके बाद न ट्रेनें मिलीं ना कोटा बढ़ा। पटना तेजस राजधानी का ठहराव भी नहीं हो पाया। बुक टिकटों की संख्या और आय में अंतर का एक और कारण यह भी है कि वॉशिंग पिट बन जाने के बाद मांग के मुताबिक ट्रेन प्रारम्भ नहीं की गयीं। सिर्फ़ झारखंड की ट्रेनों पर फोकस रहा।
ट्रेन में 20 वां नंबर
आरा से चलने वाली एकमात्र ट्रेन दुर्ग एक्सप्रेस 20 वां जगह पर रही। इससे 35.47 करोड़ रुपये आय हुई। पटना-अयोध्या-लखनऊ वंदे हिंदुस्तान आरावासियों को पसंद आने लगी है। पहले दिन की बुकिंग में चेयर कार में आरा से लखनऊ की दिशा में 47 टिकटें बुक थीं। जबकि बक्सर से महज 11. गोमती नगर से वापसी में आरा उतरने वाले यात्रियों की संख्या 18 है। जबकि बक्सर में महज 11