बिज़नस

31 मार्च के बाद महंगी हो सकती हैं इलेक्ट्रिक गाड़ियां

अगर आप कोई इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपके पास 31 मार्च तक का ठीक समय है इसके बाद ईवी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है दरअसल, गवर्नमेंट साफ कर चुकी है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पर FAME-II स्कीम के अनुसार दी जाने वाली सब्सिडी 31 मार्च 2024 तक या फंड अवेलेबल होने तक दी जाएगीऐसे में कंपनियों के पास जिन गाड़ियों का स्टॉक रह जाता है, उन पर 31 मार्च के बाद फेम-2 स्कीम के अनुसार मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा इससे कंपनियों को हानि उठाना पड़ेगा कई कंपनियों के पास तैयार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का स्टॉक भरा पड़ा है

स्टॉक क्लियर करने कंपनियां दे रहीं डिस्काउंट
20 फरवरी को भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) की बैठक में हीरो मोटोकॉर्प, एथर एनर्जी, बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर कंपनी, ओला इलेक्ट्रिक और महिंद्रा एंड महिंद्रा समेत कई प्रमुख कंपनियां सरकारी ऑफिसरों को अपनी चिंता बताई थी, लेकिन गवर्नमेंट की ओर से FAME स्कीम को बढ़ाए जाने के कोई संकेत नहीं हैं

अगर ऑटो कंपनियों को गवर्नमेंट से मिलने वाली सब्सिडी नहीं मिलती है तो 1 अप्रैल से इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी हो सकती हैं वहीं, कंपनियां स्टॉक क्लियर करने के लिए अपने व्हीकल पर भारी डिस्काउंट दे रही हैं सबसे अधिक टॉर्क मोटर्स 37,500 रुपए तक का ऑफर दे रही है

सबसे पहले जानते हैं FAME स्कीम है क्या?
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र गवर्नमेंट ने 2019 में फास्टर एडोप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी FAME योजना प्रारम्भ की थी इसके अनुसार इलेकट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इन पर सब्सिडी दी जाती है

फेम-1 योजना के अनुसार 800 करोड़ रुपए और 2022 में फेम-2 के लिए 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे इसके बाद 20 फरवरी 2024 को इसे फेम-2 के लिए फाइनेंशियल आउटले को 1,500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया था

2023 में 15.3 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकीं
देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड और सेल्स तेजी से बढ़ी है खास तौर पर दोपहिया और तिपहिया सेग्मेंट में अधिक ग्रोथ देखने को मिली है इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कुल सेल्स 2023 में 15.30 लाख यूनिट तक पहुंच गई है, जो 2022 में 10.2 लाख थी ऐसे में कंपनियों का मानना है कि गवर्नमेंट FAME 2 सब्सिडी के तीसरे चरण के तौर पर आगे बढ़ाती है तो इससे इंडस्ट्री को ग्रोथ करने में सहायता मिलेगी

बैटरी सस्ती होने से भी मूल्य घटा रही कंपनियां
EV बैटरी एक्सपर्ट और EV ऊर्जा के CEO संयोग तिवारी कहते हैं कि हिंदुस्तान सहित दुनिया के कई राष्ट्रों में लीथियम के भंडार मिलने के बाद EV बैटरी के क्षेत्र में वर्चस्व रखने वाले चीनी निर्माताओं को अपना बाजार शेयर घटता दिखाई दे रहा है इसके अतिरिक्त लीथियम आयन बैटरी के ऑप्शन के रूप में अन्य बैटरियां भी तेजी से डेवलप हो रही हैं, इसलिए लीथियम आयन बैटरी की कीमतों में गिरावट आ रही है

2-3 वर्ष में पेट्रोल और EV टू-व्हीलर के बराबर होगी कीमत
फाडा के प्रेसिडेंट मनीष राज सिंघानिया कहते हैं कि पेट्रोल टू-व्हीलर निर्माता भी ई-दोपहिया के मॉडल बढ़ा रहे हैं अभी इनकी हिस्सेदारी करीब 5% है 2-3 वर्ष में कई गुना बढ़ जाएगी कीमतें भी घटकर पेट्रोल दोपहिया के करीब आ सकती हैंवहीं आल्टियस ईवी-टेक के फाउंडर राजीव अरोरा के मुताबिक ई-दोपहिया की मूल्य में 40% से अधिक लागत बैटरी की होती है 5-6 माह में चाइनीज बैटरी की कीमतों में करीब 40% से 50% तक कमी आई है इससे हमने पूरी प्रोडक्ट की रेंज की कीमतें 15% तक घटा दी हैं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button