Apple में भी चली छंटनी की तलवार, इस वजह से 600 कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता
इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छँटनी का चलन है. अभी छंटनी रुकने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस वर्ष अब तक कई नामी कंपनियां अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं. अब इनमें टेक कद्दावर और दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक Apple का नाम भी शामिल हो गया है. Apple ने हाल ही में 600 से अधिक कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया है.
इसकी जानकारी स्वयं कंपनी ने दी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल ने भी ताजा छंटनी की पुष्टि कर दी है। कंपनी ने कैलिफोर्निया रोजगार विकास विभाग को एक फाइलिंग में यह जानकारी दी है. फाइलिंग का हवाला देते हुए निजी रिपोर्ट में बोला गया है कि Apple ने कैलिफोर्निया में 600 से अधिक कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया है. कंपनी ने यह छंटनी का निर्णय कार और स्मार्टवॉच डिस्प्ले प्रोजेक्ट बंद होने के कारण लिया है.
दुनिया की नंबर 2 कंपनी
छँटनी की ख़बरें इसलिए गंभीर हो जाती हैं क्योंकि Apple न सिर्फ़ तकनीकी उद्योग में बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में गिना जाता है. गुरुवार को अमेरिकी बाजार में एप्पल के शेयर 0.49 प्रतिशत गिरकर 168.82 $ पर आ गए। इसके बाद कंपनी का एमकैप 2.61 ट्रिलियन $ हो गया. इस मूल्यांकन के साथ, Apple सिर्फ़ Microsoft से पीछे है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी है.
8 फाइलिंग में दी गई जानकारी
Apple का मुख्यालय क्यूपर्टिनो, कैलिफ़ोर्निया में है. क्षेत्रीय नियम के मुताबिक, कंपनियों को कर्मचारियों की छंटनी या बर्खास्तगी की जानकारी देनी होती है. ऐप्पल ने वर्कर एडजस्टमेंट एंड रिट्रेनिंग नोटिफिकेशन (WARN प्रोग्राम) के अनुपालन में आठ भिन्न-भिन्न फाइलिंग में छंटनी का खुलासा किया. कैलिफ़ोर्निया कानून के अनुसार यह अनुपालन जरूरी है.
इसका असर कर्मचारियों पर पड़ता है
कंपनी की फाइलिंग के मुताबिक, जॉब से निकाले गए लोगों में से कम से कम 87 लोग एप्पल की गुप्त सुविधा में काम कर रहे थे, जहां अगली पीढ़ी के स्क्रीन का विकास हो रहा था. बाकी प्रभावित कर्मचारी पास में स्थित एक अन्य इमारत में काम करते थे, जो कार परियोजना के लिए समर्पित थी.
ये अपडेट इसी वर्ष आया था
एप्पल के कार प्रोजेक्ट को लेकर पूरे विश्व में जबरदस्त बवाल हुआ। वर्तमान में, कई मोबाइल और गैजेट कंपनियां वाहन, विशेषकर ईवी सेगमेंट में प्रवेश कर रही हैं. Xiaomi और Huawei जैसी चीनी SmartPhone कंपनियां EV बाजार में उतर चुकी हैं. कुछ समय पहले Apple ने इसका प्रोटोटाइप भी पेश किया था, लेकिन इस वर्ष की आरंभ में समाचार आई थी कि Apple ने कार प्रोजेक्ट से हटने का निर्णय किया है.