IMF की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के जीडीपी वृद्धि अनुमान में 1.10 प्रतिशत का हुआ इजाफा
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की ओर से वित्त साल 2023-24 के जीडीपी वृद्धि अनुमान में 1.10 फीसदी का बढ़ोत्तरी किया गया है. आईएमएफ का बोलना है कि बीते वित्त साल में हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि रेट 7.8 फीसदी हो सकती है. यह एनएसओ द्वारा जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमान 7.6 फीसदी से अधिक है. इसके अतिरिक्त आईएमएफ की ओर से जीडीपी ग्रोथ का अनुमान वित्त साल 2024-25 के लिए 6.8 फीसदी और वित्त साल 2025-26 के लिए 6.5 फीसदी लगाया गया है.
आईएमएफ द्वारा बोला गया है कि वर्किंग क्लास लोगों की बढ़ती हुई जनसंख्या और घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा मिल रहा है. बता दें, वित्त साल 2024-25 के लिए आरबीआई ने सालाना आधार पर 7 फीसदी का जीडीपी वृ्द्धि अनुमान निर्धारित किया है.
अनुमान अधिक बढ़ेगी जीडीपी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने बोला था कि “बेहतर मुद्रास्फीति प्रबंधन” और “व्यापक आर्थिक स्थिरता” के असर के कारण, वित्त साल 2024 में जीडीपी 8 फीसदी से ऊपर बढ़ सकता है. वहीं, महंगाई को लेकर आईएमएफ का बोलना है कि यह औसत 4.6 फीसदी पर रह सकता है, जो कि आरबीआई के अनुमान 4.6 फीसदी से अधिक है. वित्त साल में चालू खाता घाटा 1.4 फीसदी पर रह सकता है. यह पहले 1.2 फीसदी था.
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गॉरींशेस ने बोला कि निराशाजनक अनुमानों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था सशक्त बनी हुई है. स्थिर वृद्धि और महंगाई लगभग उतनी ही तेजी से धीमी हो रही है, जितनी तेजी से बढ़ी थी.अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले ही अपने महामारी-पूर्व रुझान से आगे निकल चुकी है. लेकिन अब हमारा आकलन है कि कम आय वाले विकासशील राष्ट्रों को अधिक हानि होगा क्योंकि इनमें से कई राष्ट्र अब भी महामारी और जीवनयापन की लागत के संकट से उबरने की जद्दोजहद में लगे हैं.
वैश्विक अर्थव्यवस्था
आईएमएफ ने इस वर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय वृद्धि रेट के अनुमान को बढ़ाकर 3.2 फीसदी कर दिया है. उसने बोला है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है, बिना आर्थिक हानि के महंगाई पर काबू पाये जाने के साथ उत्पादन बना रहेगा. मुद्राकोष ने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय वृद्धि रेट 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया. यह जनवरी में जताये गये 3.1 फीसदी के अनुमान से अधिक है. वृद्धि रेट का यह स्तर 2023 के बराबर है. विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, 2025 में भी वृद्धि रेट 3.2 फीसदी रहने की आसार जतायी है. यदि ऐसा होता है तो यह लगातार तीसरा वर्ष होगा जब वृद्धि रेट इस स्तर पर होगी.