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RBI ने नियमों का उल्लंघन करने पर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर एक करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना

RBI Penalty on IDFC First Bank: र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) की तरफ से नियमों का उल्लंघन करने पर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है इसके अतिरिक्त र‍िजर्व बैंक की तरफ से एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (LIC Housing Finance) पर 49.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है केंद्रीय बैंक की तरफ से एक बयान में कहा गया क‍ि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) पर पेनाल्‍टी ‘ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध’ (Loans and Advances – Statutory and Other Restrictions) पर कुछ न‍िर्देशों का पालन नहीं करने पर लगाई गई है

न‍ियमों का पालन नहीं करने पर लगी पेनाल्‍टी

आरबीआई की तरफ से दूसरे बयान में कहा गया क‍ि एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस पर जुर्माना, ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2021’ के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है दोनों ही मामलों में पेनाल्‍टी रेग्‍युलेटर न‍ियमों का पालन नहीं करने पर लगाई गई है संबंधित ग्राहकों के साथ किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करने का इरादा नहीं है न‍ियमों का पालन नहीं करने पर आरबीआई ने पहले पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के एसबीआई और प्राइवेट सेक्‍टर के एचडीएफसी बैंक पर भी प‍िछले द‍िनों जुर्माना लगाया था

इन चार एनबीएफसी का रज‍िस्‍ट्रेशन रद्द
इसके अतिरिक्त आरबीआई ने चार एनबीएफसी कुंडल्स मोटर फाइनेंस, नित्या फाइनेंस, भाटिया हायर परचेज और जीवनज्योति डिपॉजिट्स एंड एडवांसेज के रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट को रद्द कर दिया है आरबीआई की तरफ से से रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट रद्द क‍िये जाने के बाद कंपनियां अब एनबीएफसी (NBFC) कारोबार नहीं कर सकतीं वहीं, पांच अन्य एनबीएफसी- ग्रोइंग अपॉर्चुनिटी फाइनेंस (इंडिया), इनवेल कमर्शियल, मोहन फाइनेंस, सरस्वती प्रॉपर्टीज और क्‍व‍िकर मार्केटिंग ने अपना रज‍िस्‍ट्रेशन सर्ट‍िफ‍िकेट लौटा दिया है

ग्राहकों पर क्‍या होगा असर
आईडीएफसी बैंक (IDFC First Bank) और एलआईसी हाउस‍िंग पर जुर्माना लगाए जाने से बैंक के ग्राहकों का कोई संबंध नहीं है बैंक पर जुर्माना न‍ियमों का पालन नहीं करने पर लगाया गया है बैंक ग्राहकों पर इसका क‍िसी तरह का असर नहीं द‍िखाई देगा आपको बता दें आरबीआई की तरफ से जुर्माना लगाने का मकसद ग्राहकों को हानि पहुंचाना नहीं बल्कि बैंकों को नियमों का पालन करने और ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करना है

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