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शेयर बाजार ने रिकॉर्ड हाई पर किया FY24 का अंत

वित्त साल 2023 24 का अंत हो चुका है. 28 मार्च 2024 को वित्त साल का आखिरी हो चुका है. शेयर बाजार के लिए यह वित्त साल बहुत खुशी भरा रहा. इस वित्त साल में निफ्टी ने 29% का बहुत बढ़िया रिटर्न निवेशकों को दिया है. ये वित्त साल निवेशकों के लिए काफी खुशियों भरा रहा है क्योंकि चालू वित्त साल 2023-24 में निवेशकों की संपत्ति में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिला है. आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त साल 2023-24 में निवेशकों की संपत्ति में 128.77 लाख करोड़ रुपये का बढ़ोत्तरी हुआ है.

घरेलू शेयर बाजार को अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद, पूंजी प्रवाह बढ़ने तथा कंपनियों के बेहतर वित्तीय रिज़ल्ट से बाजार को समर्थन मिला है. घरेलू शेयर बाजार का प्रदर्शन साल 2022-23 में काफी हल्का रहा था. ऐसे में साल 2023-24 के दौरान बाजार ने बहुत बढ़िया सुधार देखा है जिससे निवेशकों के चेहरे खिल गए है. वित्त साल 2023-24 में बीएसई सेंसेक्स 14,659.83 अंक यानी 24.85 फीसदी मजबूत हुआ. वहीं निफ्टी 4,967.15 अंक यानी 28.61 फीसदी तक मजबूत कारोबार करने में सफल रहा.

सेंसेक्स ने बनाए रिकॉर्ड

इस वित्त साल की बात करें तो सात मार्च को मानक सूचकांक…सेंसेक्स रिकॉर्ड 74,245.17 के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. इसके साथ, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2023-24 में 1,28,77,203.77 करोड़ रुपये बढ़कर 3,86,97,099.77 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

बाजार ने दिखाई मजबूती

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि के व्यवस्था निदेशक सुनील न्याति ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं, बढ़ती ब्याज रेट और आसन्न अंतरराष्ट्रीय मंदी की आशंकाओं के बीच राष्ट्र के शेयर बाजार ने पूरे वित्त साल 2023-24 में गौरतलब मजबूती दिखायी. यहां तक ​​कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी सियासी तनाव के कारण भी उत्पन्न झटके कुछ समय के लिए थे. बाजार में जो मजबूती थी, उससे इन चुनौतियों से भली–भाँति पार पाने में सहायता मिली.’’ इस वर्ष दो मार्च को बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 394 लाख करोड़ रुपये के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को चालू वित्त साल के आखिरी व्यवसायी दिन 655.04 अंक यानी 0.90 फीसदी की बढ़त के साथ 73,651.35 अंक पर बंद हुआ.

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में तेजी का श्रेय मुख्य रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत बुनियाद को दिया जा सकता है. इसकी वजह से अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रही है. लगातार सियासी स्थिरता की आशा और अतिरिक्त आर्थिक सुधारों की आसार बाजार को गति देने में जरूरी किरदार निभा रही है. इसके अलावा, यह बताया जा रहा है कि ब्याज अपने उच्चस्तर पर है, इसमें अब वृद्धि की आसार नहीं है.

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