Nagesh Kukunoor के Birthday पर देखिये उनकी ये बेहतरीन फिल्में
हैदराबाद ब्लूज़: 1998 में रिलीज हुई यह फिल्म एक एनआरआई के बारे में थी जो हिंदुस्तान के हैदराबाद में अपने घर पर छुट्टियां इंकार रहा था और उसने स्वयं को अपनी ही धरती पर एक विदेशी पाया. दस तरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित होने के अलावा, इसकी नाटकीय स्क्रीनिंग भी हुई जो हैदराबाद, मुंबई और बैंगलोर में छह महीने से अधिक समय तक चली. इस फिल्म का सीक्वल भी बनाया गया, जो 2004 में रिलीज हुई और 6 वर्ष बाद इसी कहानी को आगे बढ़ाया गया.
रॉकफ़ोर्ड: 1999 में रिलीज़ हुई यह फ़िल्म एक उभरती हुई फ़िल्म थी. फिल्म आपको पुरानी यादों की सैर पर ले गई और आपको अपने युवा विद्यालय के दिनों को फिर से जीने पर विवश कर दिया. फिल्म में कुछ सबसे प्रतिष्ठित गाने थे जैसे शंकर महादेवन द्वारा गाया गया आसमान के पार और केके द्वारा गाया गया यारों, जो आज भी मशहूर हैं और युवाओं और दोस्ती की उन यादों को ताजा करते हैं.
3 दीवारें: 2003 में रिलीज हुई इस फिल्म में जूही चावला, जैकी श्रॉफ, नसीरुद्दीन शाह और गुलशन ग्रोवर जैसे स्थापित कलाकार थे. फिल्म तीन कैदियों और एक वृत्तचित्र फिल्म निर्माता की कहानी बताती है, जो कारावास में अपनी सुधार की कहानी फिल्माते समय, अपने परेशान शादी में मुक्ति पाते हैं.
इकबाल: 2005 में रिलीज़ हुई, यह फिल्म विपुल के रावल द्वारा लिखी गई थी और नागेश द्वारा निर्देशित थी और इसे सुभाष घई के नए बैनर, मुक्ता सर्चलाइट फिल्म्स के अनुसार रिलीज़ किया गया था. कहानी सुदूर भारतीय गांव के एक क्रिकेट-जुनूनी लड़के की है, जिसका लक्ष्य अपनी कठिनाइयों को पार करके क्रिकेटर बनना और भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा करना है. इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.
डोर: 2006 में रिलीज़ हुई यह फ़िल्म मलयालम फ़िल्म पेरुमाज़क्कलम (2004) की रीमेक थी. फिल्म इस बारे में थी कि कैसे भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि की दो महिलाएं भाग्य के कारण एक साथ आती हैं. दो अग्रणी स्त्रियों के बीच विकसित होने वाला साहचर्य उन दोनों के लिए मुक्ति का रिज़ल्ट होता है.