जब Raj Kapoor के कारण फूट-फूटकर रोए थे Manna Dey…
एक समय था जब मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में संगीत पर बहुत काम होता था. वह एक महान गायक थे. किसी भी अन्य से महान रचनाकार. लेकिन ये वो दौर भी था जब किशोर, रफी और मुकेश ने इंडस्ट्री पर राज किया था. ऐसे में मन्ना डे के लिए स्थान बनाना इतना सरल काम नहीं था. लेकिन मन्ना डे की प्रतिभा भी असीमित थी. मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री ऐसी असीमित प्रतिभा को कैसे स्वीकार नहीं कर सकता? इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हमेशा मुकेश से गाने गवाने वाले राज कपूर ने अपनी फिल्मों में मन्ना डे से भी कुछ गाने गवाये. आज मन्ना डे की जयंती पर आइए जानते हैं उनकी कुछ कहानियां.
इस रात मन्ना डे की आंखें भीगी बारिश से भर आईं
फिल्म चोरी-चोरी के इस रोमांटिक गाने को लता और मन्ना डे ने मिलकर गाया था. लेकिन पहले इस गाने के लिए पसंद लता और मुकेश थे. फिल्म के निर्माता चाहते थे कि यह गाना लता और मुकेश ही गाएं. जबकि शंकर-जयकिशन की जोड़ी इस गाने में मन्ना डे और लता को चाहती थी. निर्माता मयप्पन चेट्टियार विशेष रूप से मद्रास से बंबई आए थे और वह लता-मुकेश की रिकॉर्डिंग देखना चाहते थे. लेकिन मुकेश नहीं आया। मयप्पन ने बोला कि गाना केवल मुकेश ही गाएंगे। तभी राज कपूर अंदर आए और किसी तरह मयप्पन को मनाया.
इस गाने को मन्ना डे और लता ने रिकॉर्ड किया था और आगे का इतिहास इसका गवाह है. आज भी इस गाने को काफी पसंद किया जाता है। इसके अतिरिक्त गाना सुनकर मयप्पन को भी शर्मिंदगी महसूस हुई और उन्होंने मन्ना डे के हुनर की सराहना की। बाद में जब मन्ना डे ने एक साक्षात्कार के दौरान यह वाकया साझा किया तो उन्होंने बोला कि जब राज साहब ने उन्हें बाकी गायकों से अधिक महत्व दिया और इस गाने के लिए चुना तो मन्ना डे खुशी से रोने लगे। वह बहुत खुश है. बाद में मन्ना डे ने राज कपूर के लिए फिल्म मेरा नाम जोकर का गाना ऐ भाई जरा देखकर चलो भी गाया.
मन्ना डे किशोर के साथ क्यों नहीं गाना चाहते थे?
मन्ना डे एक शास्त्रीय गायक थे और उन्होंने कोई गाना नहीं गाया. वह स्वयं भी गानों और उनके बोलों को लेकर बहुत निष्ठावान थे. जब उन्हें फिल्म पड़ोसन का गाना एक चतुर नार ऑफर किया गया तो पहले तो उन्होंने गाने से इनकार कर दिया. उन्होंने बोला कि इस गाने में मजाकिया शब्दों का इस्तेमाल किया गया है और इसलिए वह ऐसे गाने नहीं गाना चाहते। महमूद ने उन्हें समझाने की प्रयास भी की. लेकिन मन्ना डे जिद पर अड़े रहे। किसी तरह मन्ना डे ने बिना किसी झिझक के ये गाना गाया. लेकिन ये सभी गाने वो बहुत उत्साह से नहीं गाते थे और उन्हें इसकी आदत भी नहीं थी. लेकिन जब गाना इतना सुपरहिट हुआ तो वह भी इसकी कामयाबी से खुश थे.