औषधीय गुणों का कारखाना है ये पेड़, इन बीमारियों के लिए है रामबाण रामबाण
मेरठः आयुर्वेदिक पद्धति की बात की जाए तो विभिन्न प्रकार के पेड़- पौधों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। कई रोंगों में इसका इस्तेमाल कारगर साबित होता है। इसी तरह का उल्लेख श्योनाक के पेड़ के बारे में भी मिलता है। इस पेड़ की छाल, रूट और फ्रूट का इस्तेमाल आयुर्वेदिक पद्धति में किया जाता है। इसके माध्यम से लीवर में सूजन समेत विभिन्न प्रकार की रोंगों को दूर करने में काफी सहायता मिलती है। यह बात पिछले 25 सालों से स्टूडेंट को बॉटनी एवं आयुर्वेदिक पौधों के बारे में शोध कराते आ रहें। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी परिसर में संचालित बॉटनी विभागाध्यक्ष प्रो। विजय मलिक ने मीडिया की टीम से खास वार्ता करते हुए ये सब बताया।
प्रोफेसर विजय मलिक बताते हैं कि श्योनाक पेड़ काफी लाभदायक होता है इसकी छाल का पाउडर बनाकर पानी में मिलाकर पीया जाए, तो इससे लिवर संबंधित विभिन्न प्रकार की रोंगों में काफी राहत मिलती है। साथ ही सबसे अधिक जॉन्डिस की रोग में यह राहत पहुंचाता है। ज्यादातर आयुर्वेदिक कंपनी भी लिवर से संबंधित दवा बनाने में भी इसकी छाल का इस्तेमाल करती हैं। क्योंकि, इसमें ऐसे एंटीऑक्सीडेंट औषधीय गुण पाए जाते हैं जो लीवर के लिए सुरक्षा कवच के तौर पर होते हैं। साथ ही इसके रूट को भी दशमोला के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में यदि सूजन से संबंधित कोई परेशानी है, तो उसको दूर करने में काफी सहायता करती है।
इन लोगों में भी मिलता है फायदा
श्योनाक फल एकदम कागज की तरह पतला होता है। इसका पका हुआ फल बवासीर, पेट में कीड़े सहित अन्य प्रकार की समस्याओं का भी निदान करता है। यही नहीं, स्त्रियों को प्रसव के बाद होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं में भी इसकी छाल, रूट और फल का इस्तेमाल विभिन्न माध्यमों से किया जाता है। हालांकि, प्रोफेसर विजय मलिक कहते हैं कि इस पेड़ का इस्तेमाल करने से पहले संबंधित आदमी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से राय लें। क्योंकि, वजन और उम्र के मुताबिक इसकी मात्रा का इस्तेमाल भिन्न-भिन्न तरह से किया जाता है।