क्या थायराइड की समस्या वालों को खाना चाहिए रागी…
रागी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो थायराइड हार्मोंस को नियंत्रित करने वाले एंजाइमों को रोक सकते हैं। साथ ही, रागी में गोइट्रोजेन नामक तत्व भी पाए जाते हैं, जो थायराइड ग्रंथि द्वारा आयोडीन को सोखने की प्रक्रिया में परेशानी पैदा कर सकते हैं। याद रखें, आयोडीन थायराइड हार्मोंस बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि शरीर को पर्याप्त आयोडीन नहीं मिलता, तो गलगंड (Goiter) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
थायराइड की परेशानी वालों को क्या खाना चाहिए?
अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो गोइट्रोजेन वाली चीजों को कम खाने की राय दी जाती है, रागी भी इसमें शामिल है। गोइट्रोजेन आयोडीन को सोखने में परेशानी पैदा कर सकते हैं, जिससे थायराइड हार्मोंस का बनना प्रभावित होता है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि आप अपने चिकित्सक से बात करें और उनकी राय के मुताबिक ही अपनी डाइट प्लान करें।
क्या फिर भी खा सकते हैं रागी? यदि आप थोड़ी सावधानी बरतें, तो भी रागी स्वास्थ्य के लिए लाभ वाला हो सकता है। जानकारों का मानना है कि सप्ताह में दो बार से अधिक रागी न खाएं और मात्रा भी कम रखें। रागी में गोइट्रोजेन के असर को कम करने के लिए इसे खाने से पहले भिगोना, उगाना या भूनना बेहतर रहता है। यही तरीका दूसरी तरह के millets के लिए भी अपनाया जा सकता है। इससे उनका पोषण मूल्य बढ़ जाता है और शरीर को हानि पहुंचाने वाले तत्व कम हो जाते हैं।
अंत में याद रखें, रागी के लाभ तो कई हैं, लेकिन थायराइड की परेशानी होने पर इसे सावधानी से खाना चाहिए। अपने चिकित्सक से राय लेकर ही रागी को अपनी डाइट में शामिल करें।