इन पोषक तत्वों की कमी महिलाओं के लिए है नुकसानदायक
आजकल महिलाएं अक्सर बालों का झड़ना, मूड में बदलाव, डिप्रेशन, एनीमिया, पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) और अनियमित मासिक धर्म जैसी समस्याओं से परेशान रहती हैं। इन स्वास्थ्य चिंताओं के पीछे अक्सर शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है। इन पोषक तत्वों की कमी स्त्रियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर प्रतिकूल असर डालती है। नतीजतन, स्त्रियों को ऑस्टियोपोरोसिस, उच्च कोलेस्ट्रॉल, एनीमिया और किडनी से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। आमतौर पर, आहार में विशिष्ट पोषक तत्वों की पूर्ति करके इन कमियों को दूर किया जाता है। हालाँकि, कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो इन पोषण संबंधी कमियों को भी पूरा करने में सहायता कर सकते हैं। आइए उन जरूरी पोषक तत्वों का पता लगाएं जिनकी अक्सर ज्यादातर स्त्रियों में कमी होती है और आहार में उन अतिरिक्त चीजों के बारे में जानें जो इन कमियों को दूर कर सकती हैं।
विटामिन डी:
विटामिन डी की कमी से स्त्रियों की हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालाँकि सूरज की रोशनी को विटामिन डी का सबसे अच्छा साधन माना जाता है, लेकिन लंबे समय तक धूप में रहना हमेशा संभव नहीं होता है। ऐसे में आहार में वसायुक्त मछली, अंडे और दूध को शामिल करने से इस कमी को पूरा करने में सहायता मिल सकती है।
आयरन:
भारतीय स्त्रियों में आयरन की कमी आम है, जिससे एनीमिया होता है। खाना पकाने के लिए लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करने से इस कमी को दूर करने में सहायता मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, आहार में पालक, मेथी के पत्ते, टोफू और तिल को शामिल करने से आयरन के स्तर को बढ़ाने में सहायता मिल सकती है।
विटामिन बी:
शरीर में विटामिन बी की कमी से थकान और कमजोरी हो सकती है। पूरे दिन ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए आहार में डेयरी उत्पाद, दही, काजू, सूरजमुखी के बीज, मूंगफली, क्विनोआ और सोयाबीन शामिल करने की राय दी जाती है।
फोलिक एसिड:
गर्भवती स्त्रियों के लिए फोलिक एसिड जरूरी है। फोलिक एसिड के प्राकृतिक स्रोतों में दाल, ब्रोकोली, पास्ता, ब्रेड और अनाज शामिल हैं।
कैल्शियम:
कैल्शियम न सिर्फ़ हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बल्कि मांसपेशियों, दिल और तंत्रिका तंत्र के कामकाज के लिए भी जरूरी है। कैल्शियम की कमी से उम्र बढ़ने के साथ स्त्रियों में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए, आहार में डेयरी उत्पादों और सार्डिन को शामिल करने की राय दी जाती है।