भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति इस कारण फैटी लिवर से है प्रभावित
डॉक्टरों का बोलना है कि सेडेंटरी लाइफस्टाइल और शराब पीने की आदतों के कारण फैटी लीवर के मुद्दे बढ़ रहे हैं. हर पांच में से लगभग एक आदमी फैटी लिवर से प्रभावित है.
डॉक्टरों ने शुक्रवार को विश्व लिवर दिवस के मौके पर बढ़ते स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए जागरूकता बढ़ाने और एक्टिव तरीकों की तुरन्त जरूरत को रेखांकित किया.
डॉक्टरों का बोलना है कि फैटी लीवर को कभी एक छोटी मोटी परेशानी के रूप में खारिज कर दिया जाता था. लेकिन यह अब मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल से संबंधित मुद्दों और दिल संबंधी रोंगों समेत अंतर्निहित स्वास्थ्य जोखिमों का एक ताकतवर संकेतक बनकर उभरा है. इसके अलावा, स्टीटोहेपेटाइटिस, सिरोसिस और यकृत (लिवर) कैंसर जैसी अधिक गंभीर जटिलताओं को रेखांकित करती है.
फैटी लीवर से बचने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन और पौष्टिक आहार का सेवन महत्वपूर्ण है. नियमित शारीरिक गतिविधि को शामिल कर लंबे समय तक फैटी लीवर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है.
डॉक्टरों के मुताबिक, तले हुए खाद्य पदार्थों और चीनी का इस्तेमाल बहुत कम करना चाहिए. सब्जियां, दाल, प्रोटीन और जरूरी वसा से भरपूर संतुलित आहार को अपनाना जरूरी है.
भोजन में रोजाना सब्जियों के सेवन को शामिल करें, जिसमें पर्याप्त प्रोटीन साधन हों. मध्यम मात्रा में घी शामिल करना और तले हुए खाद्य पदार्थों और मीठे व्यंजनों से परहेज करना, लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और फैटी लिवर जटिलताओं के जोखिम को कम करने में जरूरी हैं.
अमोर हॉस्पिटल के डाक्टर राजा प्रसाद ने बोला कि नियमित व्यायाम वजन को कंट्रोल में रखने में सहायता करता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है और फैटी लिवर का खतरा कम होता है. हेपेटाइटिस बी टीकाकरण वायरस की रोकथाम के लिए जरूरी है. नियमित जांच और लिवर फंक्शन टेस्ट लिवर की रोंगों का जल्द पता लगाने और हस्तक्षेप के लिए जरूरी हैं.